Muzaffarpur: स्थानीय समस्याओं पर प्रोजेक्ट तैयार करें बच्चे, बढ़ेगी नवाचार की प्रवृति

राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के आयोजन को लेकर कार्यशाला का आयोजन। उत्तर बिहार के 10 जिले के 6-6 शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण। सामान्य बच्चों के लिए 10 मिनट में प्रोजेक्ट को प्रस्तुत करने की बाध्यता होगी लेकिन दिव्यांगों के लिए समय का निर्धारण नहीं होगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 01:11 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 01:11 PM (IST)
Muzaffarpur: स्थानीय समस्याओं पर प्रोजेक्ट तैयार करें बच्चे, बढ़ेगी नवाचार की प्रवृति
इस वर्ष से बाल विज्ञान कांग्रेस में दिव्यांग बच्चे भी भाग ले सकेंगे। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। बाल विज्ञान कांग्रेस-2021 के आयोजन को लेकर रविवार को उत्तर बिहार के दस जिले के जिला समन्वयकों और शिक्षकों के लिए आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन करते हुए एससीईआरटी के विज्ञान व गणित की विभागाध्यक्ष डा.रश्मि प्रभा ने कहा कि बच्चे स्थानीय स्तर की समस्याओं के समाधान पर प्रोजेक्ट तैयार करें। इससे उनके भीतर नवाचार की प्रवृत्ति बढ़ेगी। साथ ही एक आदर्श नागरिक बनने की दिशा में वे आगे बढ़ेंगे। मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण, सारण, सीवान और गोपालगंज जिले से चयनित शिक्षकों को राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के राष्ट्रीय अकादमी समिति के उपाध्यक्ष डा.पुलीन बिहार चक्रवर्ती ने कहा कि इस वर्ष से बाल विज्ञान कांग्रेस में दिव्यांग बच्चे भी भाग ले सकेंगे।

सामान्य बच्चों के लिए 10 मिनट में प्रोजेक्ट को प्रस्तुत करने की बाध्यता होगी, लेकिन दिव्यांगों के लिए समय का निर्धारण नहीं होगा। राष्ट्रीय अकादमी के सदस्य डा.ललिता शर्मा ने कहा कि अपने आसपास की घटनाओं का अवलोकन में ज्ञानेंद्रियों का प्रयोग से परियोजना के माध्यम से निष्कर्ष तक पहुंचना और समाधान करना वैज्ञानिक नवाचार कहलाता है। कार्यशाला के दौरान राष्ट्रीय अकादमी समिति के सदस्य डा.जयकांत शर्मा, डा.कुमारी निमिषा ने भी संबोधित किया। मुजफ्फरपुर से जिला समन्वयक डा.फुलगेन पूर्वे, जिला शैक्षणिक समन्वयक डा.विजय कुमार जायसवाल, प्रो.एनपी राय, डा.मो. समी, डा.जीबू झा, उदय मिश्रा व प्रभात तारा की मीनू घई ने इसमें हिस्सा लिया। संचालन डा.फूलगेन पूर्वे और सायंस फॉर सोसाइटी बिहार के अध्यक्ष डा.अरुण कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय समन्वयक मनोज कुमार ङ्क्षसह ने किया।

मैथिली भाषा में रोजगार की असीम संभावनाएं : डा.कनुप्रिया

मुजफ्फरपुर : एमडीडीएम कालेज मैथिली विभाग की ओर से रविवार को मैथिली विदेह पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय मैथिलीक साहित्यकार आ हुनक नेतृत्व भूत, वर्तमान और भविष्य था। वक्ता के रूप में डा.इंदिरा झा, डा.अशोक अविचल व डा.अशोक मेहता थे। स्वागत भाषण प्राचार्य प्रो.कनुप्रिया ने किया। कहा कि मैथिली अत्यंत प्राचीन और मधुर भाषा है। इसके अध्ययन से रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। डा.इंदिरा झा ने मैथिली साहित्य के आदि कालीन साहित्यकारों विद्यापति, गोविन्द दास आदि की रचनाओं पर व्याख्यान दिया। डा.अशोक कुमार झा अविचल ने मध्यकाल और आधुनिक काल के मैथिली साहित्ययकारों की रचनाओं पर तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। प्रो.अशोक मेहता ने मैथिली के वर्तमान काल के विभिन्न साहित्यकारों के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन मैथिली विभागाध्यक्ष डा.कुमारी संध्या व धन्यवाद ज्ञापन एलएनटी कालेज के मैथिली विभाग के सहायक प्राध्यापक डा.विजेंद्र झा ने किया। मौके पर कार्यक्रम के समन्वयक डा.शगुफ्ता नाज समेत अन्य मैथिली साहित्यकार, शोधार्थी व अन्य उपस्थित रहे।

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