मुजफ्फरपुर : एक दिन पहले सदर अस्पताल फिर मड़वन पीएचसी का नियुक्ति पत्र
तीन माह की नौकरी के लिए एक अभ्यर्थी को दो-दो जगह के लिए नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। डीएम ने इसकी जांच का आदेश दिया है। डीएम ने डीडीसी डॉ. सुनील कुमार झा और एडीएम राजेश कुमार को मामले की जांचकर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है।
मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना काल में जिले में स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी की परत दर परत खुलती जा रही है। तीन माह की नौकरी के लिए एक अभ्यर्थी को दो-दो जगह के लिए नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। मामले की शिकायत के बाद डीएम प्रणव कुमार ने इसकी जांच का आदेश दिया है । डीएम ने डीडीसी डॉ. सुनील कुमार झा और एडीएम राजेश कुमार को मामले की जांचकर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। मालूम हो कि राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मानव बल बढ़ाने को लेकर तीन माह के लिए विभिन्न पदों पर बहाली का आदेश दिया था। जिले में इसकी बहाली के नामपर बड़ी गड़बड़ी की गई। जांच टीम की रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि कर दी गई है। इस बीच डीएम को अधिवक्ता पंकज कुमार ने आवेदन देकर कहा कि उनकी पत्नी बिन्नी कुमारी को परिचारिका पद पर पहले सदर अस्पताल में बहाल किया गया। इस संबंध में 15 मई को सिविल सर्जन कार्यालय से नियुक्ति पत्र जारी किया गया। इसके बाद उसी तिथि को एक ही पत्रांक संख्या से परिचारिका के पद पर ही मड़वन पीएचसी के लिए नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया । उन्होंने विभाग में की गई बहाली में इस तरह की गड़बड़ी के पीछे करोड़ों रुपये का रिश्वत लिए जाने की आशंका भी जताई ।
सिविल सर्जन ने कहा-तनाव और भय में रह रहा
स्वास्थ्य विभाग में बहाली के विवाद के बीच सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने एसएसपी जयंत कांत को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि पंकज कुमार ने उनसे पैसे की मांग की। नहीं देने पर केस में फंसाने की धमकी दी। इस धमकी से काफी दबाव, तनाव और भय में रह रहा हूं। उन्होंने मामले की जांच का आग्रह किया। उनके पत्र पर नगर थाना में मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।