Muzaffarpur antigen black marketing case:लैब टेक्नीशियन गिरोह के कब्जे वाले रूम से मिलीं एक हजार किटें

Muzaffarpur antigen black marketing case दंडाधिकारी अभिजीत कुमार की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी डॉ.हसीब असगर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सतीश कुमार व डॉ.राजेश कुमार ने स्टोर रूम के सामान का मिलान कर रिपोर्ट तैयार की

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:32 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:32 AM (IST)
Muzaffarpur antigen black marketing case:लैब टेक्नीशियन गिरोह के कब्जे वाले रूम से मिलीं एक हजार किटें
स्टोर रूम में मौजूद 48 सामान की टीम ने रिपोर्ट तैयार की। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। Muzaffarpur antigen black marketing case: सरकारी एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में प्रशासनिक कार्रवाई तेज है। शनिवार को नशा मुक्ति केंद्र से संचालित कोरोना जांच केंद्र पर बंद पड़े गोदाम का ताला खोला गया। यहां से एक हजार एंटीजन किटें और अन्य सामान की सूची तैयार की गई। दंडाधिकारी अभिजीत कुमार की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी डॉ.हसीब असगर, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सतीश कुमार व डॉ.राजेश कुमार ने स्टोर रूम के सामान का मिलान कर रिपोर्ट तैयार की। स्टोर रूम में मौजूद 48 सामान की टीम ने रिपोर्ट तैयार की। इसमें एक हजार से अधिक कोरोना किट, मास्क, सैनिटाइजर, आरटीपीसीआर सैंपल रखने वाला वीटीएम आदि शामिल है। टीम ने सीएस और मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंप दी है। 

छापेमारी के दौरान सील कर दिया गया था स्टोर रूम

सकरा पुलिस ने 10 मई को किट फर्जीवाड़ा मामले में सदर अस्पताल में छापेमारी की थी। इसी दौरान नशामुक्ति केंद्र स्थित कोरोना जांच सेंटर में बने स्टोर रूम में ताला लगाकर सील कर दिया गया था। इसकी चाबी जिला यक्ष्मा अधिकारी को सौंपी गई थी।

एसकेएमसीएच मेंं भर्ती एक बच्ची में एईएस की पुष्टि

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में भर्ती सीतामढ़ी जिले की बेलसंड निवासी छह वर्षीया प्रियांशी कुमारी में एईएस की पुष्टि हुई है। एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में उसका इलाज चल रहा है। एसकेएमसीएच उपाधीक्षक सह शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि एक बच्ची एईएस की पुष्टि हुई है। इस वर्ष अब तक 17 बच्चों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है। दो बच्चों की मौत इलाज के दौरान हो गई है। दो बच्चों के स्वजन बगैर सूचना दिए घर चले गए हैं। एईएस पीडि़त एक बच्चे का इलाज पीकू वार्ड में किया जा रहा है।  

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