मुजफ्फरपुर में लॉकडाउन के दौरान 100 करोड़ से अधिक का कपड़े का व्यापार प्रभावित
Bihar Lockdown 2021मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार में शिवहर सीतामढ़ी मोतिहारी बेतिया बगहा रक्सौल हाजीपुर समस्तीपुर दरभंगा मधुबनी आदि जिले में व्यापारी आते हैं लेकिन ईद और लगन के समय लॉकडाउन लगने से सूतापट्टी के व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
मुजफ्फरपुर, जासं। Bihar Lockdown 2021: कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने लॉकडाउन तो लगा दिया लेकिन कपड़े की संपूर्ण दुकान बंद होने से कपड़ा मंडी में उदासी छाई हुई है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े कपड़ा मंडी के बंद होने से 100 करोड़ से ऊपर का व्यापार प्रभावित हो गया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के राज कुमार ने कहा कि जिले में करीब 10 हजार से अधिक कपड़ा व्यापारी हैं। मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार में शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया, बगहा, रक्सौल, हाजीपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी आदि जिले में व्यापारी आते हैं, लेकिन ईद और लगन के समय लॉकडाउन लगने से सूतापट्टी के व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। यहां के पांच ऐसे कपड़े के बड़े व्यापारी हैं जिनकी महीने में पांच सौ करोड़ की बिक्री होती है, लेकिन वे लोग लॉकडाउन के कारण कहीं कपड़े भेज ही नहीं सकते। न उनकी दुकान खुल रही और न कहीं से कपड़े की गाडिय़ां आ रही। कपड़े की दुकानें बंद होने से उनके कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। जिन दुकानों में दस स्टाफ थे वे लोग आधा कर्मचारियों को हटा दिए हैं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद आने को कहा गया है। इससे उनकी रोजी-रोटी छीन गई है। व्यापारी संघ के लोगों ने अन्य दुकानों की तरह सप्ताह में कम से कम दो से तीन दिन दुकान खोलने की मांग की है। ताकि दुकानदारों के साथ दुकान में काम करने वाले कर्मियों की रोजी-रोटी भी चल सके।
लहठी मंडी में भारी नुकसान, बाजार में छाई उदासी
राज्य एवं बाहर के प्रदेशों चूड़ी-लहठी की धूम मचाने वाली इस्लामपुर मंडी में उदासी छाई हई है। मंडी में करीब दो दर्जन दुकानें हैं। पिछले लॉकडाउन में भी बाहर से कच्चा माल नहीं आने के कारण व्यापारी किसी तरह पुरानी लहठी बेचकर जीवन यापन किए। इस बार भी लॉकडाउन में संपूर्ण इस्लामपुर लहठी मंडी बंद होने से लोग दुकान के आगे सैनिटाइजर और मास्क बेच रहे हैं। व्यापारी संघ के सूरज कुमार ने बताया कि कोरोना इस बार भी लाखों का नुकसान दे गया। पिछले दो साल से लहठी विक्रेताओं के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो रहा है। व्यापार बंद होने से लहठी बनाने वाले कारीगर भी घर में बैठे हुए हैं। उन लोगों के रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने सप्ताह में कम से कम तीन दिन दुकान खुलवाने की मांग की है।