एमआइटी के सिविल ब्रांच को मिला एनबीए एक्रीडिएशन, अब विदेशों में भी वैध होगी डिग्री

एमआइटी मुजफ्फरपुर सिविल ब्रांच में एक्रीडिएशन पाने वाला एनआइटी के बाद बिहार का दूसरा संस्थान बन गया है।मार्च में टीम ने किया था कॉलेज के सभी विभागों का मूल्यांकन। टियर-2 में बिहार से इकलौते एमआइटी के सिविल ब्रांच का चयन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:08 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:08 AM (IST)
एमआइटी के सिविल ब्रांच को मिला एनबीए एक्रीडिएशन, अब विदेशों में भी वैध होगी डिग्री
19 से 21 मार्च तक एनबीए की टीम ने एमआइटी के सभी ब्रांच का मूल्यांकन किया था।

मुजफ्फरपुर, जासं। एमआइटी के बीटेक के सिविल इंजीनियरिंग विभाग को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिएशन (एनबीए) से मान्यता मिल गई है। एमआइटी मुजफ्फरपुर सिविल ब्रांच में एक्रीडिएशन पाने वाला एनआइटी के बाद बिहार का दूसरा संस्थान बन गया है। टियर टू में बिहार से इकलौते संस्थान एमआइटी के सिविल ब्रांच का चयन किया गया है। अब एमआइटी के सिविल ब्रांच से मिलने वाली डिग्री विदेशों में भी वैध मानी जाएगी। बता दें कि 19 से 21 मार्च तक एनबीए की टीम ने एमआइटी के सभी ब्रांच का मूल्यांकन किया था। टीम की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर सिविल ब्रांच को मान्यता दे दी गई है।

शुक्रवार को कॉलेज के आधिकारिक ईमेल पर बोर्ड की ओर से यह जानकारी दी गई। साथ ही इसे बोर्ड के पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया गया है। जबकि, टीम ने अन्य विभाग को बोर्ड ने मानक के अनुरूप नहीं पाया। इस कारण इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियङ्क्षरग, मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग, लेदर टेक्नोलॉजी और आइटी ब्रांच का चयन एनबीए के लिए नहीं हो सका है। एमआइटी के सिविल ब्रांच को एकेडमिक वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए यह मान्यता मिली है। 30 जून 2023 तक यह वैद्य रहेगा। सिविल ब्रांच को एनबीए से मान्यता मिलने के बाद प्राचार्य प्रो.एके सिन्हा, सिविल ब्रांच के प्राध्यापक आशीष कुमार समेत अन्य प्राध्यापकों ने हर्ष व्यक्त किया है। बता दें कि एनबीए एक्रीडिएशन के लिए एमआइटी के पूर्व प्राचार्य डॉ.जगदानंद झा ने निधन से पूर्व निरंतर प्रयास किया था। यह उसी का प्रतिफल है।  

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