मिशन इंद्रधनुष से आपका बच्चा भी करेगा वायरस पर वार, बूस्टर टीकाकरण के लिए रहें तैयार
Vaccination in Samastipur 8 फरवरी से होगी मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत। कार्यपालक निदेशक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर दिया निर्देश। सत्र स्थलों के किया जाएगा चिह्नित। कोविड-19 प्रोटोकॉल का किया जाएगा पालन। अभियान के सफल संचालन के लिए होगी जिला स्तरीय गतिविधियां।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार विशेष तैयारी में है। आपका बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित रह गया है तो इस मिशन का हिस्सा बन जाएं। बच्चों को टीके की बूस्टर डोज दिलाकर उसे सात तरह के खतरनाक वायरस से बचाएं। आपके बच्चों की इम्यूनिटी वायरस से लड़ने के लिए कमजोर नहीं पड़े इसके लिए एक बार फिर मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की जा रही है। इस विशेष अभियान से बच्चों में होने वाली बीमारियों के वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाने का काम किया जाएगा। इंद्रधनुष अभियान से बच्चों को वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी। इसी क्रम में 31 जनवरी से पल्स पोलियो अभियान की भी शुरुआत की जा रही है।
मिशन इंद्रधनुष अभियान दो चक्रों में आयोजित करने का निदेश दिया है। मिशन इंद्रधनुष अभियान बुधवार और शुक्रवार को छोड़कर किया जाएगा। अभियान दो चक्र में पूरा किया जाएगा। प्रथम चक्र 8 से 18 फरवरी और द्वितीय चक्र 8 से 18 मार्च तक चलाया जाएगा। अभियान राजकीय अवकाश एवं रविवार को छोड़कर चलाया जाएगा। जिला में अभियान के सफल संचालन के लिए जिला प्रखंड में ग्राम स्तर पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
अभियान के सफल संचालन के लिए होगी जिला स्तरीय गतिविधियां
अभियान के पूर्व जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारी सिविल सर्जन, एसीएमओ, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला लेखा पदाधिकारी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी तथा प्रखंड स्तर पर एमवाईसी बीएचएम, बीसीएम सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ यूनिसेफ के प्रतिनिधि की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्यशाला के दौरान सभी प्रतिभागियों का मिशन इंद्रधनुष अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। अभियान के तहत चयनित प्रखंडों के सभी गांव में सर्वे कर ड्यूलिस्ट अद्यतन का किया जाएगा।
सत्र स्थल का किया जाएगा चयन
मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत चिन्हित प्रखंड में टीकाकरण सत्र का चयन किया जाएगा। जिसके तहत ऐसा गांव टोला जहां नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता है। कम आच्छादन वाले नियमित टीकाकरण सत्र स्थल, ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत छह माह में दो या दो से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया है। रिक्त उपकेंद्र जहां टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता है या अलग अलग टीका कर्मी द्वारा कार्य किया जाता है एवं जहां मोबिलाइजेशन की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत एक वर्ष के अंदर काली- खांसी, गलाघोटू, खसरे का केस पाया गया है। ईट भट्ठा, दियारा क्षेत्र, मलिन बस्ती इत्यादि जहां पर स्वतंत्र रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता है। मिशन इंद्रधनुष अभियान के लिए चयनित सत्रों पर इन दो माह में सिर्फ अभियान के तहत ही टीकाकरण किया जाएगा।अलग से टीकाकरण का कार्य नहीं किया जाएगा।
ग्राम स्तरीय गतिविधियां
हेडकाउंट सर्वे अभियान के लिए गांव, शहरी क्षेत्रों में आशा या स्वैच्छिक कार्यकर्ता के द्वारा चूल्हेवार हेड अकाउंट सर्वे करते हुए सर्वे पंजी में छूटे हुए घरों तथा लाभार्थियों को दर्ज किया किया जाएगा। ताकि सभी लाभार्थी चिन्हित कर शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सके। सभी घरों में सर्वे के पश्चात आशा फैसिलिटेटर व पर्यवेक्षक के द्वारा सर्वे सत्यापित किया जाएगा। सभी घरों में सर्वे के पश्चात आशा एवं एएनएम द्वारा ड्यू लिस्ट में सभी छूटे हुए लाभार्थी का नाम अंकित किया जाएगा। सर्वे कार्य एवं अद्यतन नई सूची (न्यू लिस्ट) का मूल्यांकन एवं सत्यापन प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, आशा फैसिलिटेटर, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक महिला पर्यवेक्षिका एवं सहयोग संस्था के प्रतिनिधि द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।
रिपोर्टिंग एवं संध्या कालीन बैठक
कार्यक्रम के दौरान संध्या में सभी सत्र स्थलों से आच्छादन प्रतिवेदन लेना तथा जिला को प्रतिवेदित करना सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही उसी दिन प्रतिवेदित किया जाएगा। अन्यथा वेब पोर्टल रात्रि 12:00 बजे लॉक कर दिया जाएगा। ऐसा सत्र स्थल जहां पर आच्छादन कम होने की संभावना है वहां पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा एवं सभी चयनित लाभार्थियों को टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
कोविड प्रोटोकॉल का किया जाएगा पालन
मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण के दौरान कोविड-19 के लिए पूर्व में निर्गत प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से अनुपालन सभी स्तरों पर करना सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए अन्य संस्थाएं यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, आईसीडीएस, विकास मित्र आदि का सहयोग लिया जाएगा।