Darbhanga : थाना स्तर पर हो टॉप-टेन व टॉप फाइव शराब धंधेबाजों की सूची : मंत्री

मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने जिले में मद्य निषेध कानून को प्रभावी बनाने को लेकर अधिकारियों के साथ की वर्चुअल बैठक सिखाए गुर कहा- शराबबंदी को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट काम करने वालों को मिलेगा इनाम काम में कोताही बरतने की सजा होगी भुगतनी

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:23 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 10:23 PM (IST)
Darbhanga : थाना स्तर पर हो टॉप-टेन व टॉप फाइव शराब धंधेबाजों की सूची : मंत्री
पर मुख्य सचिव के साथ ऑन लाइन बैठक करते आयुक्त । जागरण

दरभंगा, जासं। मद्य निषेध को लेकर सरकार की ओर से कड़े काननू बनाए गए हैं। इस अभियान के लिए रोड मैप स्पष्ट होना चाहिए। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाना चाहिए। उपरोक्त बातें सूबे के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने कही। वे गुरुवार को प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी व वरीय पुलिस अधीक्षक के साथ वर्चुअल बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा- पिछले पांच वर्षों से बिहार में मद्यनिषेध अभियान चल रहा है। सरकार ने बढ़-चढ़कर इस अभियान के लिए संसाधन प्रदान किए। अलग से पुलिस महानिरीक्षक (मद्य निषेध) बनाया गया है, ताकि मजबूती के साथ इस अभियान का क्रियान्वयन किया जा सके। इसपर ध्यान देने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की बैठक में मद्यनिषेध से संबंधित सूचनाओं का अदान-प्रदान होना चाहिए।

थाना स्तर पर टॉप-10 या टॉप-5 वैसे लोगों की सूची होनी चाहिए, जो बार-बार शराबबंदी में पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि चौकीदार सूचना का सबसे बड़ा स्त्रोत है। यदि कोई चौकीदार सहयोग नहीं करता है तो उससे लिखित ले कि उसके क्षेत्र में शराब बनाने या शराब आपूर्ति की कहीं कोई घटना नहीं है। अगर वह लिखित में देता है और उसके क्षेत्र में कोई घटना घटित होगी, तो वह जिम्मेदार होगा और इसके लिए उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। उन्होंने सूचना संग्रहण के लिए उपलब्ध कराए गए निधि का भी प्रयोग करने का निर्देश दिया। साथ ही चिन्ह्ति स्थलों पर लगातार छापेमारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के मामले में ट्रायल करवाना एवं सजा दिलवाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता सूची में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निकट में ही पंचायत चुनाव है, जिसमें अवैध रुपये एवं अवैध शराब वितरण की संभावना रहती है। इसलिए इस ²ष्टिकोण से भी इस अभियान में तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि जो पदाधिकारी अच्छा काम करेगा, उसे इनाम मिलेगा और जिनकी प्रगति अच्छी नहीं होगी, उनके विरूद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। इसमें सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है। बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार, पुलिस महानिरीक्षक अजिताभ कुमार, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम, उत्पाद अधीक्षक ओम प्रकाश, वरीय उप समाहत्र्ता ललित राही आदि मौजूद थे।

सीमावर्ती राज्यों से सटे सीमावर्ती जिले पर रखें नजर : अपर मुख्य सचिव

अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग चैतन्य प्रसाद ने उत्तर प्रदेश, झारखंड, नेपाल व पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले को अन्य राज्य के अपने सीमावर्ती जिले के साथ समन्वय बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि चौकीदार एवं दफादार का प्रयोग सूचना संग्रहण के लिए किया जाए। विगत दिनों पश्चिम चंपारण एवं नवादा में घटित घटना की पुनरावृति कहीं भी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में अवैध बालू खनन के मामले में बिहार में बड़ी कार्रवाई हुई है। संभव है कि अन्य अभियान में भी इस तरह की कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि जब्त की गई गाडिय़ों की सुनवाई की जाए और गिरफ्तारी के मामले में ट्राइल करवाने में तेजी लाई जाए।

करें अच्छा काम, ऊंचा करें राज्य का नाम : पुलिस महानिदेशक

पुलिस महानिदेशक एसके ङ्क्षसघल ने कहा कि अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिले से सटे जिले अपने सीमा पर नजर रखें। चौकीदार एवं दफादार के थाना पैरेड के अवसर पर सर्किल इस्पेक्टर, डीएसपी एवं एसपी भी कभी-कभी जाए। उनसे सूचना प्राप्त करें। यदि कोई पदाधिकारी इस अभियान में लापरवाही बरतता है, तो चाहे वह कोई भी हो बच नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में अच्छा काम करें और बिहार सरकार का नाम ऊंचा करें।

जिले में एंटी लीकर टास्क फोर्स को करें सक्रिय : उत्पाद आयुक्त

उत्पाद आयुक्त बी. कार्तिकय घनजी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों की कार्रवाई के आधार पर हर जिले को एक डाटाबेस बनाने की जरूरत है। उसके आधार पर जो हॉट स्पॉट है, वहां लगातार छापेमारी करें। देहाती क्षेत्र में पूर्व में शराब चुलाई से जुड़े परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा जाए। जिले में एंटीलीकर टास्क फोर्स को सक्रिया बनाया जाए। शराब जब्ती के मामले में समुचित जांच हो। सीमावर्ती क्षेत्र के जिले अपने जिले की सीमा पर नजर रखें। खासकर झारखंड के सीमावर्ती जिलों पर नजर रखना जरूरी है।

chat bot
आपका साथी