किसान मेला में बाेले गिरिराज- मोदी सरकार किसानों की सच्ची हितैषी, कृषि हित में उठाए कई कदम

समस्‍तीपुर के पूसा में आयोजित किसान मेला का आज समापन हो गया। इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने समारोह को संबोधित किया। कहा- सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 04:27 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 04:27 PM (IST)
किसान मेला में बाेले गिरिराज- मोदी सरकार किसानों की सच्ची हितैषी, कृषि हित में उठाए कई कदम
किसान मेला में बाेले गिरिराज- मोदी सरकार किसानों की सच्ची हितैषी, कृषि हित में उठाए कई कदम

समस्तीपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के सच्चे हितैषी हैं। सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं, जिससे किसानों को बहुत हद तक सहूलियत हो रही। ये बातें केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य व डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहीं। वे मंगलवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में किसान मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हो या फिर किसान पेंशन योजना, सभी दिशाओं में काम हुआ है। उन्होंने गांवों के विकास पर जोर देते हुए कहा कि सत्तर फीसद आबादी गांवों में रहती है।

 जब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं होगा, तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता। यही वजह है कि गांव के किसान, मजदूर, पशुपालक, मत्स्यपालक आदि को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और पशुपालन, दोनों एक दूसरे का पूरक हैं। देश भर में 300 कृत्रिम पशु गर्भाधान केन्द्र खोले गए हैं।

 सरकार स्वरोजगार सृजन पर भी काम कर रही है। बकरी पालन, कुक्कुट पालन एवं मत्स्यपालन से संबंधित योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनसे जुड़कर युवा अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय को आर्गेनिक प्रोडक्ट पर भी शोध करना चाहिए। मौके पर कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव समेत काफी संख्या में वैज्ञानिक एवं किसान मौजूद रहे।

मुजफ्फरपुर में बोले- पूर्वी भारत का मॉडल केंद्र बनेगा मत्स्यकी महाविद्यालय

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मत्स्यकी महाविद्यालय पूर्वी भारत का मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित हो रहा है जहां हेचरी सहित मत्स्य उत्पादन के सभी मॉडल होगा जिसे देखकर छात्र ज्ञान अर्जित कर सकेंगे। कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मत्स्यकी काउंसिल का गठन हो और इस क्षेत्र को विकसित सोच के साथ आगे बढ़ाया जाए। वे मत्स्यकी महाविद्यालय, ढोली में पुनजल परिचालन प्रणाली एवं प्रयोगशाला, पुस्तकालय भवन का उदघाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। किसानों की आमदनी मत्स्यकी, उद्यान के क्षेत्र में ही बढ़ाया जा सकता है।

 मत्स्यकी क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। मछली उत्पादन में विश्व स्तर पर हमारा देश दूसरे स्थान पर है। हम 75 हजार करोड़ की मछली का निर्यात कर रहे हैं। कहा कि यहां के छात्र नौकरी करने वाली नहीं, दूसरों को नौकरी देने वाली मानसिकता को विकसित करें। अगर हमारी सोच केवल नौकरी पाने तक सीमित होगी तो हम कुछ नया नहीं सोच सकते। इसलिए अपनी सोच को बदलने की जरूरत है। मछली पौष्टिकता का बहुत बढिय़ा स्रोत है, पंरतु अभी भी इसका उपयोग लोग कम कर रहे हैं।

 आज बंगलादेश मत्स्यकी के क्षेत्र में हम लोगों से काफी आगे है। उन्होंने वैज्ञानिकों व छात्रों से आह्वान किया कि वे कम लागत खर्च में उन्नत क्वालिटी के मछली उत्पादन की तकनीक विकसित करने को अनुसंधान करें। मौके पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि के कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव, अधिष्ठाता डॉ.एससी राय, कुलसचिव डॉ.रविनंदन, निदेशक अनुसंधान डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ.शिवेंद्र कुमार, अधिष्ठाता डॉ.अशोक कुमार सिंह, जगन्नाथ ठाकुर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.एसके सुमन ने किया।

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