एसकेएमसीएच में बिचौलिए को प्रवेश से रोकने पर मारपीट, गार्ड को करनी पड़ी हवाई फायरिंग
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच परिसर में बिचौलिए पर रोकथाम को उठाया गया कदम अहियापुर थानाध्यक्ष सुनील रजक ने बताया गार्ड से बिचौलिए के बीच विवाद की बात सामने आई है। इसमें गार्ड द्वारा फायरिंग की गई। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
मुजफ्फरपुर, जासं। एसकेएमसीएच में बिचौलिए को प्रवेश करने से गार्ड ने रोका तो उनके साथ मारपीट की गई। बात इतनी बढ़ गई कि गार्ड को बचाव में हवाई फायङ्क्षरग करनी पड़ी। फायङ्क्षरग की आवाज पर वहां कुछ समय के लिए अफरातफरी मच गई। सूचना पर मेडिकल ओपी की पुलिस भी मौके पर पहुंची। मगर, तब तक बिचौलिए वहां से भाग निकले थे।
अहियापुर थानाध्यक्ष सुनील रजक ने बताया गार्ड से बिचौलिए के बीच विवाद की बात सामने आई है। इसमें गार्ड द्वारा फायरिंग की गई। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। जानकारी के अनुसार सोमवार की रात पांच लोग वार्ड में जबरन प्रवेश करना चाह रहे थे। कहा जा रहा कि ये सभी बिचौलिए थे। गार्ड ने इनलोगों को प्रवेश करने से रोक दिया। इसे लेकर विवाद हो गया। उनलोगों ने गार्ड के साथ मारपीट की। इसके बाद गार्ड ने कई राउंड हवाई फायरिंग की। अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार साह ने बताया कि असामाजिक तत्व मरीजों को आकर परेशान कर रहे थे। सुरक्षा प्रहरी के साथ मारपीट की। वे अपने स्तर से इसकी छानबीन कर रहे हैं। परिसर में आने वाले हर किसी पर कड़ी नजर रहेगी।
एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती एक बच्चे में एईएस की पुष्टि
गर्मी व नमी बढऩे के साथ ही एईएस से पीडि़त मरीज इलाज को आने लगे हैं। एसकेएमसीएच में सोमवार को एक मरीज की पहचान सीतामढ़ी के पांच वर्षीय अंकित कुमार के रूप में हुई है। शनिवार को उसे पीकू में भर्ती कराया गया था जहां सोमवार को उसकी हालत गंभीर होने पर उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। डा. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि अंकित को एक सीतामढ़ी के एक निजी अस्पताल से रेफर किया गया है। उसकी स्थित नाजुक बनी हुई है। डा.सहनी ने कहा कि जिस निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती किया गया। उसका वहां पर एईएस प्रोटोकाल के तहत इलाज नहीं हुआ। इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दिए हैं। वार्ड में चार मरीजों का इलाज चल रहा है। एक्यूट इंसेफलाइटिस बीमारी का सीधा नाता गर्मी, नमी व कुपोषण से है। डा. सहनी ने कहा कि तेज धूप में बच्चे को जाने से रोकें, रात में खाली पेट न सोने देें, तेज बुखार होने पर सीधे सरकारी अस्पताल मेें बच्चे को लेकर जाएं।