11 माह बाद गुलजार हुए मिडिल स्कूल, छह से आठ तक की पढ़ाई शुरू

कोरोना संक्रमण के चलते करीब 11 माह बाद सोमवार को जिले के मिडिल स्कूल गुलजार हुए। कक्षा छह से आठ तक की कक्षाएं शुरू की गईं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राएं भी पहुंचीं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Feb 2021 05:37 AM (IST) Updated:Tue, 09 Feb 2021 05:37 AM (IST)
11 माह बाद गुलजार हुए मिडिल स्कूल, छह से आठ तक की पढ़ाई शुरू
11 माह बाद गुलजार हुए मिडिल स्कूल, छह से आठ तक की पढ़ाई शुरू

मुजफ्फरपुर। कोरोना संक्रमण के चलते करीब 11 माह बाद सोमवार को जिले के मिडिल स्कूल गुलजार हुए। कक्षा छह से आठ तक की कक्षाएं शुरू की गईं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राएं भी पहुंचीं। हालांकि स्कूल का पहला दिन होने से कुछ स्कूलों में बच्चों की उपस्थित कम रही।

बखरी बुनियादी मध्य विद्यालय को गुब्बारों से सजाकर बच्चों को अच्छा माहौल दिया गया। वहीं शहर के कुछ विद्यालयों का हाल बुरा रहा। रमना स्थित हरिहर नारायण कन्या मध्य विद्यालय में मानक के अनुसार बच्चों की उपस्थिति रही। सरकारी स्तर पर कहीं किसी स्कूल में मास्क उपलब्ध नहीं कराए गए। एक मध्य विद्यालय के प्राचार्य द्वारा मास्क मांगे जाने पर शहर के बीईओ ने नहीं होने की बात कहीं। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुस सलाम अंसारी ने कहा कि जल्द ही बच्चों को मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे। नगर शिक्षा पदाधिकारी तारा कुमारी शुक्ला ने उक्त स्कूल का भ्रमण भी किया। उन्होंने शीघ्र मास्क उपलब्ध कराने का भरोसा दिया। प्राचार्य अर्चना कुमारी ने बताया कि 2019-20 के विकास मद के पैसे नहीं मिलने से अन्य विकास कार्य नहीं हो सके। वार्ड पार्षद आभा रंजन ने बच्चों के बीच मास्क वितरित किए। इसके पहले वहां सैनिटाइज भी कराया गया। उसी प्रांगण में तीन कमरों का आदर्श मध्य विद्यालय हैं। उसके किसी भी कमरे में बेंच-डेस्क नहीं हैं। बच्चे जमीन पर दरी में बैठकर पढ़ाई करते हैं। वहां सुबह करीब दस बजे तक मात्र तीन बच्चे ही पहुंचे थे। बगल के एक कमरा वाले आदर्श कल्याणी बाड़ा विद्यालय में न शिक्षक दिखाई दिए और न बच्चे। सुबह दस बजे तक मामला शून्य। वहीं दो कमरों के सरैयागंज मध्य विद्यालय में कुछ बच्चे आए थे। लाइट नहीं रहने से सभी ने अंधेरे में ही पढ़ाई की।

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