कम वोल्टेज से तेज चलता रहा मीटर, पांच वर्षो तक यहां के उपभोक्ताओं को लूटती रही एस्सेल
विद्युत संचरण कंपनी एस्सेल ने पिछले पांच वर्षो में उपभोक्ताओं को जमकर लूटा।
मुजफ्फरपुर । विद्युत संचरण कंपनी एस्सेल ने पिछले पांच वर्षो में उपभोक्ताओं को जमकर लूटा। कम वोल्टेज की सप्लाई देकर उपभोक्ताओं को चूना लगाया। डीएम मो. सोहैल ने पकड़ा। इसमें यह पता चला कि कम वोल्टेज के कारण मीटर की गति दो से तीन गुना अधिक तेज हो गई। इससे बिल भी दो से तीन गुना ज्यादा आने लगे। इस तरह करीब पांच वर्षो तक एस्सेल यहां के उपभोक्ताओं को लूटती रही। डीएम ने विभाग को एस्सेल की इस कारस्तानी की रिपोर्ट भेज दी। इसके बाद ही सरकार ने कंपनी को बोरिया-बिस्तर समेटने के संकेत दे दिए। अब एक सप्ताह में एनबीपीडीसीएल को आपूर्ति व्यवस्था हैंड ओवर होने की संभावना है। उपभोक्ताओं की शिकायतें होती रहीं दरकिनार
जिले में शहरी क्षेत्र में आठ प्रखंडों में बिजली की आपूर्ति पांच वर्ष पहले एस्सेल को दी गई। करीब एक लाख 24 हजार उपभोक्ताओं के साथ एस्सेल ने एनबीपीडीसीएल (नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) से व्यवस्था संभाली। एस्सेल ने औसतन सौ मेगावाट बिजली जिले के दोनों फीडरों से लेनी शुरू की। इस बीच उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर तीन लाख 27 हजार हो गई। मगर, एस्सेल की मांग नहीं बढ़ी। प्रतिदिन सौ मेगावाट से ही लगभग तीन गुना बढ़ी आबादी को बिजली की आपूर्ति की जाती रही। इससे वोल्टेज की समस्या लगातार बनी रही। उपभोक्ताओं ने आवाज उठाई तो तमाम बहाने बनाकर इसे गलत साबित कर दिया गया। वहीं कम वोल्टेज के कारण मीटर की गति भी दो से तीन गुना अधिक हो गई। यहां भी उपभोक्ताओं ने जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक शिकायत पहुंचाई। मीटर गड़बड़ व अन्य बहाना बनाते हुए इस शिकायत को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इस बीच एस्सेल उपभोक्ताओं को लूटती रही। मामले को डीएम ने पकड़ा तो सच सामने आ गया। अब एनबीपीडीसीएल को विद्युत संचरण व्यवस्था सौंपने की तैयारी चल रही। माना जा रहा कि प्रशासन एस्सेल से बेहतर व्यवस्था देने की तैयारी कर रहा। पिछले पांच वर्षो में एस्सेल ने बिजली वितरण की आधारभूत संरचना को भी ध्वस्त कर दिया। पावर सब स्टेशनों में व्यवस्था को जुगाड़ तकनीक के सहारे चलाया जा रहा। अब एनबीपीडीसीएल को नए सिरे से इन चीजों को ठीक करना होगा।