बिजली विभाग का सर्वर स्लो मीटर रीडिंग का काम बाधित

40 फीसद उपभोक्ताओं के मीटर की नहीं ली गई रीडिंग। समय पर बिलिंग नहीं होने से राजस्व का नुकसान। ग्रामीण इलाकों से महज 30 फीसद ही राजस्व की वसूली।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 06:39 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:39 PM (IST)
बिजली विभाग का सर्वर स्लो मीटर रीडिंग का काम बाधित
बिजली विभाग का सर्वर स्लो मीटर रीडिंग का काम बाधित

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विद्युत विभाग के गाइड लाइन के अनुसार 21 दिनों पर प्रत्येक महीने मीटर रीडिंग हो जानी चाहिए। लेकिन 24 दिन समाप्त होने के बावजूद जिले के सभी उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार जिले में 60 फीसद उपभोक्ताओं की ही मीटर रीडिंग हो पाई है। विद्युत विभाग का सर्वर स्लो होना इसका कारण बताया जा रहा है। यह समस्या पिछले एक पखवारे से बनी हुई है। इसके कारण लक्ष्य हासिल करने में जिला काफी पिछड़ रहा है।

 बिलिंग की रफ्तार धीमी होने से मीटर रीडर परेशान हैं। रीडिंग के वक्त ही बार-बार ब्लूटूथ मशीन बंद होने की शिकायत अलग से है। इसके कारण बिल नहीं निकल पा रहे। रीडिंग के वक्त ही नेटवर्क चला जाता है। शहर के मिस्कॉट, चंदवाड़ा, एमआइटी, बेला सहित जिले के अन्य इलाकों में यह एक बड़ी समस्या है। बिल निकलवाने के लिए उपभोक्ताओं को बिजली कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ रहा है। 

सुबह से शाम तक 20-25 घरों की ही पो पाती रीडिंग

एक मीटर रीडर ने बताया कि इधर काफी दिनों से नेटवर्क सही तरीके से काम नहीं रहा। एक मीटर की रीडिंग करने पर पांच रुपये मिलते हैं। सुबह से शाम तक धूप में परेशान होने पर 20-25 घर का ही रीडिंग हो पाता है। सर्वर ठीक रहने पर 150 से 200 घरों की रीडिंग हो जाती थी। ग्रामीण क्षेत्र का बुला हाल है। एक तो बिजली कम रहती है। दूसरे में पांच-छह घरों की ही रीडिंग कर पाते। कंपनी के वरीय अधिकारियों के मुताबिक समय पर बिलिंग नहीं होने कारण राजस्व का नुकसान हो रहा है। ग्रामीण इलाकों से महज 30 से 40 फीसदी ही राजस्व की वसूली हो रही है।

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