Samastipur : मिथिला पेंटिंग से संदेश, टीका-मास्क जरूरी और भीड़ से परहेज

स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ अन्य मंत्रियों ने भी पेंटिंग को इंटरनेट मीडिया पर साझा किया पेंटिंग के लिए कई मंचों पर पुरस्कृत हो चुके हैं समस्तीपुर के कुंदन कुमार कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍ि‍ए गाइडलाइन का पालन जरूरी है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 11:41 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 11:41 AM (IST)
Samastipur : मिथिला पेंटिंग से संदेश, टीका-मास्क जरूरी और भीड़ से परहेज
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए मास्‍क लगाने के साथ फ‍िज‍िकल ड‍िस्‍टेंस जरूरी है।

समस्‍तीपुर, {प्रकाश कुमार} । उन्हेंं रंगों की पहचान नहीं, घरवालों से पूछते हैं या डिब्बे पर लिखे रंगों के नाम से पहचानते हैं, लेकिन जब कैनवास पर कूची चलती है तो मूक पात्र जीवंत हो उठते हैं। ये हैं समस्तीपुर के डॉ. कुंदन कुमार राय। कोरोना टीकाकरण को प्रेरित करती उनकी पेंटिंग की इन दिनों खूब वाहवाही हो रही है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री से लेकर अन्य मंत्री तक इसे इंटरनेट मीडिया पर साझा कर रहे हैं। कुंदन कलर ब्लाइंड (वर्णांध) हैं, उन्हेंं प्रारंभिक रंगों लाल, हरा और नीले की पहचान नहीं हो पाती है।

पेंटिंग से बताया टीकाकरण का महत्व 

10 दिन पहले बनाई गई पेंटिंग में मास्क पहने नर्स द्वारा एक महिला को वैक्सीन देने की पृष्ठभूमि दर्शायी गई है। इसके माध्यम से संदेश देने की कोशिश है कि आधी आबादी पूरी सुरक्षा के साथ टीकाकरण के लिए आगे आ रही है, इसलिए हम सब की भी संपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित हो। वे कहते हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। वे कला के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

10 साल पहले मूॢत पेंटिंग से शुरू हुआ सफर 

करीब 10 साल पहले समस्तीपुर से स्नातक के बाद एमबीए की पढ़ाई करने वे नागपुर पहुंचे थे। उन्हें पेंटिंग का शौक था, लेकिन कलर ब्लाइंडनेस बाधा थी। रंगों की पहचान में उनकी बहन की मदद मिली। वहीं से पेंटिंग का सिलसिला शुरू हुआ। नागपुर में पुरानी मूॢतयों को पेंटिंग करने से शुरुआत करने वाले कुंदन मिथिला पेंटिंग में दक्ष हैं। कई अवसरों पर प्रेरक पेंटिंग बना चुके हैं। पिछले साल कोरोना ने जब कहर बरपाना शुरू किया तो कई पेंटिंग बनाई। जनता कफ्र्यू, लॉकडाउन, मास्क और शारीरिक दूरी की अनिवार्यता संबंधी कई पेंटिंग सराही गई। दुर्गापूजा में कोरोना रूपी राक्षस का संहार करतीं मां दुर्गा की पेंटिंग खूब चर्चा में रही थी। इससे पहले पर्यावरण संरक्षण, पौधा लगाने, पानी बचाने की प्रेरणा देती पेंटिंग बना चुके हैं। पिछले साल मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बनाई गई पेंटिंग के लिए राज्यस्तरीय सम्मान से उन्हें सम्मानित किया गया था।

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