पार्ट वन के प्रमोटेड छात्रों की परीक्षा थर्ड पार्ट के साथ ही

परीक्षा बोर्ड की बैठक बुलाकर कुलपति ने छात्रों के दबाव में निर्णय लिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 02:09 AM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 02:09 AM (IST)
पार्ट वन के प्रमोटेड छात्रों की परीक्षा थर्ड पार्ट के साथ ही
पार्ट वन के प्रमोटेड छात्रों की परीक्षा थर्ड पार्ट के साथ ही

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्नातक पार्ट वन में प्रमोटेड छात्रों को थर्ड पार्ट के साथ परीक्षा लेने का फैसला आखिरकार सोमवार को परीक्षा बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से ले लिया गया। इसी के साथ डीएसडब्ल्यू डॉ. सदानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि थर्ड पार्ट का फॉर्म भराने का डेट भी आगे बढ़ाने का निर्णय हुआ। प्रमोटेड छात्रों को मौका नहीं देने के कारण भारी बवाल के चलते कुलपति डॉ.अमरेंद्र नारायण यादव को परीक्षा बोर्ड की बैठक बुलाकर आनन-फानन में यह फैसला लेना पड़ा। इसी के साथ पार्ट टू में एमडीडीएम कॉलेज की केमिस्ट्री में बहुतायत छात्राओं के फेल होने की समीक्षा करते हुए उसकी रैंडम चेकिंग का फैसला कुलपति के स्तर पर पहले ही हो चुका है। अब उसकी कॉपी जांच शुरू होगी। बैठक से पूर्व कुलपति ने एलएस कॉलेज के छात्रप्रतिनिधियों को भी आश्वस्त किया कि सत्र 2015-18 पार्ट वन के प्रमोटेड विद्यार्थियों का फॉर्म भी थर्ड पार्ट के साथ ही भरा जाएगा। साथ-साथ उनकी परीक्षा भी ली जाएगी। लेकिन, उनसे इस बात की अंडरटेकिंग ली जाएगी कि वे पार्ट वन क्लीयर नहीं कर पाए तो थर्ड पार्ट का रिजल्ट नहीं दिया जाएगा।

अंडरटेकिंग लेकर परीक्षा की इजाजत : प्रोवीसी डॉ. आरके मंडल ने बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी। उसके मुताबिक वैसे प्रमोटेड स्टूडेंट जिन्होंने 2017 में परीक्षा दी, अपना प्रमोशन क्लीयर करने के लिए तो उनको ही सिर्फ अंडरटेकिंग लेनी है। और पार्ट टू में जिनका रिजल्ट किन्हीं कारणवश पेंडिंग है वो भी अंडरटेकिंग देंगे कि अगर उनका क्लीयर रिजल्ट हो जाता है पार्ट वन में, तो पार्ट थ्री का रिजल्ट वैलिड रहेगा नहीं तो नन एंड वायल्ड होगा। पार्ट टू के सिर्फ पेंडिंग वाले को ही अंडरटेकिंग देनी है। प्रमोटेड वाले के लिए तो रेग्युलेशन ही है। जिनका पेंडिंग है पार्ट टू और रिजल्ट क्लीयर नहीं हुआ। क्लीयर नहीं होने का मतलब फेल होना हुआ। और पार्ट वन में जो विद्यार्थी पहले से प्रमोट थे और फिर परीक्षा दी 2016 में जो प्रमोटेड थे 2017 में और फिर उसने परीक्षा दी उनका रिजल्ट होता तभी पार्ट थ्री में परीक्षा दे सकते थे। उनको भी अंडरटेकिंग लेनी है। अगर वह पार्ट वन क्लीयर 2017 में नहीं कर पाए तो परीक्षा में बैठने के लिए योग्य नहीं होंगे और उनकी दी हुई परीक्षा अवैध हो जाएगी। इस आशय की अंडरटेकिंग देनी होगी।

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