दरभंगा के डीएमसीएच में एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने परीक्षाफल में गड़बड़ी पर जताई नाराजगी

Darbhanga news उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच की मांग व‍िरोध की वजह से इलाज प्रभाव‍ित। प्राचार्य के समझाने पर साढ़े तीन घंटे बाद बहाल हुई इमरजेंसी सेवा उत्तर पुस्तिका की जांच में मिली गड़बड़ी से आक्रोश प्राचार्य ने आर्यभट्ट विश्वविद्यालय को भेजी रिपोर्ट।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 08:23 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 08:23 AM (IST)
दरभंगा के डीएमसीएच में एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने परीक्षाफल में गड़बड़ी पर जताई नाराजगी
डीएमसीएच में एकजुट होकर व‍िरोध जतातीं एमबीबीएच की छात्राएं। जागरण

दरभंगा, जासं। दरभंगा मेडिकल कालेज व अस्पताल (डीएमसीएच) में एमबीबीएस अंतिम सत्र के परीक्षाफल में हुई गड़बड़ी को लेकर सोमवार को छात्र-छात्राओं का गुस्सा भड़क गया। नाराज छात्र परीक्षाफल में सुधार की मांग को लेकर लेकर नारेबाजी करते हुए अस्पताल परिसर में पहुंचे और हंगामा शुरू हो गया। ओपीडी व इमरजेंसी में ताला जड़ दिया। इस कारण से स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई। सूचना पर पहुंचे कालेज के प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को काफी समझाया। करीब साढ़े तीन घंटे बाद इमरजेंसी सेवा बहाल हुई। ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। हालांकि देर शाम छात्र-छात्रों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। आज से ओपीडी व अन्य सेवाएं सामान्य हो जाएंगी।

बताया गया है कि सुबह आर्यभट्ट विश्वविद्यालय, पटना की ओर से आरटीआइ के तहत दी गई सूचना के बाद विद्यार्थी भड़क गए। इसमें बताया गया कि उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन ठीक से नहीं हुआ। पूरक परीक्षा की तिथि भी तय कर दी गई। इस गड़बड़ी में सुधार के लिए छात्र-छात्राओं ने आंदोलन किया। बाद में प्राचार्य ने उनके आवेदन के आलोक में विश्वविद्यालय को रिपोर्ट भेजी, फिर देर शाम आंदोलन समाप्त हुआ।

पांच सौ से अधिक मरीज लौटे

हंगामे के कारण करीब 500 मरीजों को लेकर स्वजनों को निजी अस्पतालों की ओर लौटना पड़ा। जिनके पास पैसे नहीं थे, वे देर शाम तक ओपीडी के सामने बैठे रहे। बताया गया कि सुबह साढ़े आठ बजे से मरीज पर्ची कटाकर चिकित्सकों के इंतजार में खड़े थे। इस बीच छात्रों ने तीन बार ओपीडी बंद करा दी। अस्पताल प्रशासन ने दो बार ओपीडी खुलवाई, लेकिन इलाज नहीं हो सका। बताते हैं कि करीब 225 मरीजों की पर्ची कट गई थी, जबकि उससे अधिक पर्ची कटाने के लिए खड़े थे। इस बीच छात्रों ने मरीजों को जबरन ओपीडी से बाहर कर दिया।

चिकित्सक कक्ष के पास से धक्का देकर भगाया

मुजफ्फरपुर के बैगनी बसंत गांव निवासी ध्रुव शर्मा ने बताया कि 300 रुपये खर्च कर अस्पताल में इलाज कराने आए थे। अब पैसे नहीं है। इंतजार कर रहे हैं। जाले के मिल्खी गांव निवासी परीक्षण यादव ने बताया कि इस कड़ी धूप में यहां इलाज कराने के लिए पर्ची कटा ली थी, लेकिन छात्रों ने चिकित्सक के चैंबर के पास से धक्का देकर भगा दिया। बहेड़ी दवाल गांव निवासी 65 साल का अब्दुल ने बताया कि मजदूरी करके एक-एक पैसा जुटाया था। ओपीडी बंद होने के कारण इलाज नहीं करा सके।

-छात्रों का आंदोलन समाप्त हो गया है। ओपीडी 14 सितंबर से सामान्य दिनों की तरह संचालित होगी। इमरजेंसी सेवा कुछ घंटे के बाद छात्रों को समझाकर बहाल कर दी गई है। -डा. केएन मिश्र प्राचार्य, डीएमसीएच, दरभंगा

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