गार्बेज टिपर खरीद घोटाले में मेयर सुरेश कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज
सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय (निगरानी) का आया आदेश। तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन व अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी की अग्रिम जमानत की अर्जी भी हो चुकी खारिज।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गार्बेज टिपर खरीद घोटाले में आरोपित मेयर सुरेश कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी शनिवार को विशेष न्यायालय (निगरानी) ने खारिज कर दी। अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रखा था। दो अन्य आरोपितों नगर निगम के सहायक अभियंता महेंद्र सिंह व आपूर्तिकर्ता मोहन हिम्मत सिंगा की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी।
इससे पहले नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन व तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी की अग्रिम जमानत की अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी गई थी।
यह है मामला
वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने शहर की सफाई के लिए 50 गार्बेज टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। निगम की ओर से पिछले साल नौ सितंबर को टेंडर आमंत्रित किया गया। इसमें तीन फर्मों ने भाग लिया। माड़ीपुर के तिरहुत ऑटोमोबाइल, कुरुक्षेत्र हरियाणा के न्यू भारत इंजीनियङ्क्षरग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड व पाटलिपुत्रा पटना के मे. मौर्या मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे। टेंडर में सबसे कम मूल्य दर्शाने वाले फर्म को दरकिनार कर मे. मौर्या मोटर्स को आपूर्ति का आदेश दिया गया।
इसी के खिलाफ तिरहुत ऑटोमोबाइल के प्रोपराइटर की ओर से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की गई थी। जांच के बाद ब्यूरो ने प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाने के बाद मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त और अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी सहित दस आरोपितों के खिलाफ निगरानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।