बैठक में नहीं शामिल हुए महापौर और उपमहापौर

क्लब रोड स्थित नगर निगम आडिटोरियम में महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर शनिवार को बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Oct 2021 02:06 AM (IST) Updated:Sun, 31 Oct 2021 02:06 AM (IST)
बैठक में नहीं शामिल हुए महापौर और उपमहापौर
बैठक में नहीं शामिल हुए महापौर और उपमहापौर

मुजफ्फरपुर : क्लब रोड स्थित नगर निगम आडिटोरियम में महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर शनिवार को बैठक हुई। इसमें महापौर सुरेश कुमार और उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला नहीं उपस्थित हुए। इसके साथ ही वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल, पांच की पार्षद सीमा देवी, छह के पार्षद जावेद अख्तर, 11 की पार्षद प्रमिला देवी, 19 की पार्षद निर्मला देवी, वार्ड 32 की पार्षद गीता देवी अनुपस्थित रहीं।

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समय पर बैठक की सूचना नहीं देने पर बच गई थी महापौर की कुर्सी : अविश्वास पर चर्चा को हुई पिछली बैठक को निर्वाचन आयोग ने यह कहते हुए अवैध करार दिया था कि पांच पार्षदों को समय पर सूचना नहीं दी गई थी। निर्वाचन आयोग ने इसके आधार पर आठ अक्टूबर को महापौर की कुर्सी पर सुरेश कुमार को फिर से बहाल कर दिया था।

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नहीं हो सका निगम की वेबसाइट पर बैठक का लाइव प्रसारण

नगर आयुक्त ने निगम की वेबसाइट पर बैठक के लाइव प्रसारण की तैयारी कर रखी थी, लेकिन पार्षदों ने नगर आयुक्त को इसकी अनुमति नहीं दी। इससे तैयारी के बाद भी प्रसारण नहीं हो सका।

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उपमहापौर ने पुलिसकर्मियों को आडिटोरियम से बाहर निकाला

उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला बोर्ड की बैठक शुरु होने से पहले जब आडिटोरियम पहुंचे तो वहां तैनात पुलिस के जवानों ने उनकी गाड़ी रोक दी। इससे वह नाराज हो गए और आडिटोरियम में पहुंचकर वहां तैनात सभी पुलिसकमियों को बाहर निकाल दिया। बाद में वहां पहुंचे नगर थानाध्यक्ष ने मामले को शांत कराया।

नगर आयुक्त ने फैसला नहीं बदला तो बोर्ड की बैठक का बहिष्कार

नगर निगम के ब्रांड अंबेसडर का चयन मनमाने तरीके से किए जाने से नाराज वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल ने कहा है कि यदि नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने अपना फैसला नहीं बदला तो वे निगम की किसी भी बैठक में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि जबतक नगर आयुक्त अपने पूर्व के निर्णय जो नीतिगत थे इसलिए उनको बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से लेने की जरूरत थी। कहने के बाद भी उस कार्य को करना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि जबतक नगर आयुक्त अपने निर्णय को निरस्त नहीं करते किसी भी प्रकार की बोर्ड बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि वे पार्षदों के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं करेंगे। विधानसभा के सचिव के साथ-साथ नगर विकास मंत्रालय का भी स्पष्ट निर्देश है की जनप्रतिनिधियों के मान सम्मान का ख्याल अधीनस्थ पदाधिकारी का कर्तव्य बोध होना चाहिए जो की नगर आयुक्त किसी कारण नही करना चाहते। आपने सुधार नहीं किया तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया, गांधीवादी प्रकिया अपनाते हुए हर वो कदम उठाऊंगा जो संविधान के तहत मुझे प्राप्त है।

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