मुजफ्फरपुर शहर में काम नहीं होने पर महापौर ने मांगी संचिका
वर्ष 2017 में महापौर की कुर्सी संभालने के बाद सुरेश कुमार ने सभी वार्ड पार्षदों से पांच से 7.50 लाख तक की विकास योजनाएं मांगी थी।
मुजफ्फरपुर। वर्ष 2017 में महापौर की कुर्सी संभालने के बाद सुरेश कुमार ने सभी वार्ड पार्षदों से पांच से 7.50 लाख तक की विकास योजनाएं मांगी थी। पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड के विकास से संबंधित योजनाओं को दिया था। इन योजनाओं की टीएस भी हुई थी। लेकिन आज तक इन योजनाओं पर कोई काम नहीं हुआ। महापौर ने इसके लिए विकास शाखा को कठघरे में खड़ा किया है। काम नहीं होने से नाराज महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इन योजनाओं की संचिका वापस करने को कहा है। महापौर ने कहा कि कई बार पत्र लिखने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। संचिका मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फैसलों के अनुपालन में बरती जा रही लापरवाही महापौर सुरेश कुमार ने कहा है कि नगर निगम बोर्ड एवं सशक्त स्थायी समिति की बैठकों में लिए जाने वाले फैसलों का अनुपालन नहीं किया जाता। इससे न सिर्फ पार्षदों को बल्कि उनको भी जनता की नाराजगी झेलनी पड़ती है। उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। कहा कि आधा दर्जन बार पत्र लिखने के बाद भी फैसलों का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने फैसलों का अनुपालन करने को कहा। बहलखाना में सहायकों के बीच काम का बंटवारा सफाई कार्यो को और बेहतर बनाने के लिए उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी ने बहलखाना में प्रतिनियुक्त सहायकों के बीच काम का बंटवारा किया है। बहलखाना प्रभारी रामलला शर्मा को सफाई वाहनों के परिचालन एवं रखरखाव का जिम्मा सौंपा गया है। वहीं भरत चौधरी को संचिकाओं के निष्पादन लॉग बुक के संधारण एवं अनुश्रवण, अशोक कुमार मिश्रा को ऑटो टीपर परिचालन एवं रखरखाव एवं राजीव कुमार गुप्ता को वर्कशॉप के कार्यो का पर्यवेक्षण की जवाबदेही सौंपा गया है।
बढ़ सकती है निगम बोर्ड के बैठक की तिथि फिलहाल दस दिसंबर को होने वाली नगर निगम बोर्ड की बैठक आगे टलेगी। नगर आयुक्त के अवकाश पर रहने के कारण महापौर सुरेश कुमार तय तिथि में फेरबदल कर सकते हैं। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई पत्र जारी नहीं किया गया है।