भारतीय वन सेवा में मधुबनी के सुमित ने लहराया परचम
65वीं बीपीएससी में चौथा रैंक लाकर सुमित बने थे बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी। भारतीय वन सेवा में इन्हें 48वां रैंक प्राप्त हुआ है। यह सफलता इन्हें तीसरे प्रयास में मिली। हालांकि इनका लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का है। इसके लिए वह लगातार तैयारी में जुटे हैं।
मधुबनी, जासं। जिले के लौकही प्रखंड क्षेत्र के अंधरामठ थाना क्षेत्र स्थित नरही गांव (पोस्ट-महादेवमठ) निवासी शंभूनाथ मंडल एवं रेणु कुमारी के होनहार पुत्र सुमित कुमार ने यूपीएससी द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा की परीक्षा में अपनी प्रतिभा एवं सफलता का परचम लहरा दिया है। भारतीय वन सेवा में इन्हें 48वां रैंक प्राप्त हुआ है। यह सफलता इन्हें तीसरे प्रयास में मिली। हालांकि, इनका लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का है। इसके लिए वह लगातार तैयारी में जुटे हैं।
गौरतलब है कि 65वीं बीपीएससी परीक्षा में सुमित ने चौथा रैंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। दूसरे प्रयास में सुमित को यह सफलता मिली थी। सुमित बिहार प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित किए गए थे। अब सुमित का चयन भारतीय वन सेवा के अधिकारी के रूप में हो गया है। सुमित को प्रथम प्रयास में 64वीं बीपीएससी परीक्षा में 855 रैंक मिला था और राजस्व अधिकारी पद के लिए चयनित हुए थे, लेकिन दूसरे प्रयास में 65वीं बीपीएससी परीक्षा में चौथा रैंक प्राप्त कर बिहार प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हो गए हैं।
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा तीन बार उत्तीर्ण हो चुके हैं, लेकिन अंतिम सफलता नहीं मिल सकी है। यूपीएससी की परीक्षा में भारतीय वन सेवा के साक्षात्कार तक दो बार पहुंचे, लेकिन अंतिम सफलता नहीं मिली थी। लेकिन, तीसरे प्रयास में भारतीय वन सेवा के अधिकारी बनने में सफल हो गए। सुमित की माता गृहणी है। जबकि, इनके पिता बिहार स्टेट फूड सिविल कारपोरेशन से रिटायर्ड हो चुके हैं। सुमित की स्कूली शिक्षा पटना में हुई। इसके बाद इन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली। सुमित अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं। सुमित के इस सफलता पर उनके स्वजन, नाते-रिश्तेदार, गांव-समाज के लोग से लेकर जिलेवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। सुमित ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।