Bihar Board 10th Toppers 2021: मैट्रिक परीक्षा में मधुबनी के छात्रों का परचम, टॉप टेन में निरंजन, केतन, चंद्रकांत और केशव कृष्ण
बिहार में पांचवां और जिला में प्रथम स्थान लाकर निरंजन ने लहराया परचम जिले के बाबूबरही प्रखंड के बेला गांव का रहने वाला है निरंजन मैट्रिक परीक्षा में 480 अंकों के साथ प्राप्त किया पांचवां रैंक बना जिला टॉपर केतन ने 478 अंक प्राप्त कर राज्य में लाया सातवां रैंक
मधुबनी, जासं। प्रखंड क्षेत्र के न्यू अपग्रेड हाईस्कूल सिधप परसाही के छात्र निरंजन कुमार सिंह ने मैट्रिक परीक्षा में राज्य में पांचवां स्थान प्राप्त कर सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र लदनिया का नाम रोशन किया है। उसकी इस सफलता से उनके माता-पिता, स्वजन व समाज के साथ ही उनके गुरुजन एवं स्कूल परिवार गौरवान्वित है। परीक्षाफल प्रकाशित होते ही उसके ननिहाल सिधप व पैतृक गांव बेला, बाबूवरही में खुशी का माहौल बन गया है। लोग उसके परिश्रम और परिवार के लोगों के त्याग की सराहना कर रहे हैं। उनके घर पहुंचकर शुभकामना देते हुए लोग उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं। निरंजन कुमार सिंह ने 480 अंक लाकर मधुबनी जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। उसने अपनी सफलता का श्रेय सतत स्वाध्याय, गुरुजन के आशीर्वाद, परिजनों के सहयोग व मां शारदे कोचिंग सेंटर के शिक्षक प्रमोद कुमार सिंह को दिया है। उनकी इच्छा आगे की पढ़ाई कर डॉक्टर बनने की है। हरियाणा गुरुग्राम में मजदूरी करनेवाले बाबूबरही प्रखंड के बेला गांव निवासी धनिकलाल सिंह के पुत्र निरंजन कुमार सिंह ने अपने मामा लदनियां प्रखंड के सिधपा निवासी अरुण सिंह के यहां रहकर पढ़ाई की है। वह अपने माता-पिता की दूसरी संतान है। बड़ी बहन डॉक्टर बनने की तैयारी कर रही है। छोटी मीडिल स्कूल की छात्रा है।
इंजीनियर बन देश की सेवा करना चाहता है केतन
लखनौर प्रखंड के महुली कोरियापट्टी गांव निवासी किसान नागेश्वर महतो एवं आशा गुलाब देवी के पुत्र केतन कुमार ने मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में पूरे सूबे में सातवां स्थान लाया है। उसे कुल पांच सौ अंक में से 478 अंक (95.60 फीसद) मिले हैं। केतन कुमार सोनेलाल उच्च विद्यालय जोरला का छात्र है। मैट्रिक परीक्षा में सातवां स्थान लाकर यह सिद्ध कर दिया कि ग्रामीण परिवेश के छात्र भी अगर मेहनत व लगन से पढ़ाई करें तो वे हर मुकाम हासिल कर सकते हैं। केतन कहता है कि लॉकडाउन के कारण विद्यालय बंद हो गया था। तैयारी के लिए वे हरभंगा टावर स्थित शिव प्रसाद सिंह के कोचिंग में पढ़ते थे और आठ से दस घंटा स्वाध्याय करते थे। केतन से जागरण की मुलाकात उसके ननिहाल कटमाखोईर गांव में हुई। वह अपनी पढ़ाई अपने नाना के घर से ही करता रहा है। यह सुखद समाचार सुन उसके माता-पिता भी अपने गांव से पुत्र के पास आ गए थे। पिता नागेश्वर महतो ने कहा कि वे बहुत खुश हैं। गरीब किसान के घर माता सरस्वती ने सफलता दी है। वह ईश्वर को धन्यवाद देते नहीं थकते। बताया कि नाना जगदीश प्रसाद किसान हैं। उनके तीन मामा हरिशंकर प्रसाद रेलवे में टीटी, दूसरे मामा रविशंकर प्रसाद रेलवे में चालक तथा तीसरे मामा अगमलाल प्रसाद शिक्षक हैं। बूढ़ी नानी ठकनी देवी खुशी में मस्त दिखीं और रह रहकर उनके आंख से खुशी के आंसू छलक रहे थे। केतन ने बताया कि वे अपने नाना, मामा, पिता, माता और गुरूजन को इस सफलता का श्रेय देते हैं। वे भविष्य में आईआईटी पासकर इंजीनियर बन देश की सेवा करना चाहता है।
चंद्रकांत ने 476 अंकों के साथ राज्य में लाया नौवां रैंक
प्रखंड के पीएनएम प्लस टू उच्च विद्यालय पिपराही के छात्र चंद्रकांत यादव ने वर्ष 2021 के बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में पूरे राज्य में नौवां रैंक हासिल किया है। चंद्रकांत को कुल 476 अंक मिले हैं। चंद्रकांत ने अपनी सफलता से परिवार व गांव के साथ ही खुटौना व मधुबनी जिले का नाम रौशन किया है। वह खुटौना प्रखंड के वासुदेवपुर पंचायत स्थित विशनपुर गांव के जयप्रकाश नारायण यादव एवं मुन्नी देवी का एकलौते पुत्र हैं। पिता जयप्रकाश नारायण यादव पंचायत स्थित राजकीय मध्य विद्यालय अरनामा में सहायक शिक्षक हैं। मां मुन्नी देवी घर व खेती संभालती हैं। दैनिक जागरण के साथ बात करते हुए चंद्रकांत ने अपनी सफलता का श्रेय विद्यालय के शिक्षकों के अलावा अपने शिक्षक पिता को दिया। कहा कि पिता ने पढ़ाई में उसकी भरपूर मदद की। चंद्रकांत पटना में किसी अच्छे शिक्षण संस्थान में नाम लिखाकर जीवविज्ञान विषय के साथ इंटर की पढ़ाई करना चाहता है। उसने बताया कि मेडिकल की पढ़ाई कर वह डॉक्टर बनना चाहता है।
डॉक्टर बनना चाहता है राज्य में आठवां स्थान लाने वाला केशव कृष्ण
जयनगर प्रखंड के देवधा गांव निवासी केशव कृष्ण ने मैट्रिक परीक्षा में राज्य स्तर पर आठवां स्थान लाकर गांव का नाम रौशन किया है। केशव कृष्ण जयनगर स्थित प्लस टू हाईस्कूल से वर्ष 2021 की मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुआ था। अपनी सफलता से खुश केशव ने बताया कि वह आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहता है। बताया कि उसने यह सफलता स्वाध्याय के बूते हासिल की है। केशव ने बताया कि विगत वर्ष कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण सेल्फ स्टडी के लिए भरपूर समय मिला। चार भाई और तीन बहन में सबसे छोटे केशव कृष्ण ने बताया कि लॉकडाउन में सेल्फ स्टडी के दौरान घर में बड़ी बहन व भाई से काफी सहयोग व मार्गदर्शन मिला। इससे सेल्फ स्टडी में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। पिता पहले कर्मयोगी थे। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले केशव कृष्ण के पिता रामनाथ प्रसाद ने उम्र अधिक होने के कारण अखबार बेचने का काम छोड़ अखबार बेचने का काम छोड़ खेती शुरू कर दी। अब वे घर पर रहकर किसानी करते हैं। माता नीला देवी, बड़ा भाई रघुवीर, तारकेश्वर समेत परिवार के सभी सदस्य केशव की इस सफलता से फूले नहीं समा रहे। केशव की इस सफलता पर देवधा उतरी पंचायत के सरपंच सुजीत साह समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने भी बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।