मधुबनी पंचायत, मुखिया चुनाव रिजल्ट 2001: मधवापुर के मनीष ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत

मधुबनी पंचायत मुखिया चुनाव रिजल्ट 2001 मतगणना में मनीष कुमार झा को कुल 13 हजार 718 मत प्राप्त हुए जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी परवेज आलम को केवल तीन हजार 364 मत ही मिल सके। इस तरह मनीष ने अब तक की सबसे बड़ी जीत अपने नाम कर ली है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 12:32 PM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 12:32 PM (IST)
मधुबनी पंचायत, मुखिया चुनाव रिजल्ट 2001: मधवापुर के मनीष ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत
मनीष ने अपने प्रतिद्वंद्वी परवेज आलम को 10 हजार 354 मतों के अंतर से पराजित किया।

मधुबनी, संस। जिले में चल रहे पंचायत चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत मधवापुर प्रखंड से सामने आई है। यहां जिला परिषद क्षेत्र संख्या चार से नवनिर्वाचित जिप सदस्य मनीष कुमार झा ने अपने प्रतिद्वंद्वी को अब तक के सबसे बड़े अंतर से हराया है। मनीष ने अपने प्रतिद्वंद्वी परवेज आलम को 10 हजार 354 मतों के अंतर से पराजित किया है। मतगणना में मनीष कुमार झा को कुल 13 हजार 718 मत प्राप्त हुए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी परवेज आलम को केवल तीन हजार 364 मत ही मिल सके। इस तरह इस बार के पंचायत चुनाव में मनीष ने अब तक की सबसे बड़ी जीत अपने नाम कर ली है। इससे पहले यह खिताब पंडौल प्रखंड के जिला परिषद क्षेत्र संख्या 28 से नवनिर्वाचित जिप सदस्य सईदा बानो के नाम था। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी निवर्तमान जिप सदस्य उर्मिला देवी को 4600 से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था, लेकिन मनीष कुमार झा की जीत का अंतर इससे काफी बड़ा है। बता दें कि मधवापुर के जिला परिषद क्षेत्र संख्या चार से कुल 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे थे। जिसमें से चार प्रत्याशी तो हजार का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाए, वहीं चार प्रत्याशी 15 सौ के आंकड़े को नहीं पार कर पाए। इस तरह सातवें चरण की मतगणना के उपरांत अब तक जिले में सबसे बड़ी जीत का अंतर जिला परिषद क्षेत्र संख्या चार का ही रहा है।

एक वोट के अंतर से हुई जीत-हार

मधुबनी के आरके कॉलेज मतगणना केंद्र पर हरलाखी व मधवापुर प्रखंड के पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान एक वोट से जीत-हार का मामला भी सामने आया। हरलाखी प्रखंड के कलना पंचायत में निवर्तमान मुखिया रमेश मिश्र ने महज एक वोट के अंतर से रोमांचक जीत दर्ज की है। बता दें कि कलना पंचायत के मतगणना के दौरान पहले राजेश कुमार रंजन तीन वोट के अंतर से जीत रहे थे। जिस पर निवर्तमान मुखिया रमेश मिश्र ने आपत्ति जताई और रिकाउंटिंग की मांग की। जब रिकाउंटिंग हुई तो रमेश मिश्र ने एक वोट के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेश कुमार रंजन को पराजित कर अपनी सीट बचाने में सफल रहे।  

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