MADHUBANI: नींबू काटने के बहाने नाबालिग को सूनसान में ले गया, मुंह में कपड़े ठूंसे, हाथ-पैर बांधे और...

घटना के बाद आरोपित ने पीड़िता को धमकी दी कि किसी को बताया तो जान से हाथ धो बैठेगी। डरी-सहमी पीडि़ता घर लौट गई। किसी से चर्चा नहीं की। दर्द होने पर जब स्वजनों ने जोर देकर पूछा तो घटना की जानकारी दी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:59 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:59 AM (IST)
MADHUBANI: नींबू काटने के बहाने नाबालिग को सूनसान में ले गया, मुंह में कपड़े ठूंसे, हाथ-पैर बांधे और...
मधुबनी जिले के राजनगर में झाडफ़ूंक के नाम पर नाबालिग से दुष्कर्म, आरोपित गिरफ्तार। प्रतीकात्‍मक फोटो

राजनगर ( मधुबनी), जासं। देश भले ही चंद्रयान की तैयारी कर रहा हो, लेकिन अब भी समाज का एक हिस्सा है जो बीमार होने पर डाॅक्टर के पास जाने की जगह झाड़फूंक कराना बेहतर समझता है। महिलाओं के बीमार होने के मामले में तो यह कुछ अधिक ही देखा जाता है। जिसका दुष्परिणाम उन्हें कभी अपनी इज्जत लुटाकर तो कभी जान गंवाकर चुकानी पड़ती है। मधुबनी के राजनगर थाना क्षेत्र में झाडफ़ूंक के नाम पर एक नाबालिग लड़की के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसके साथ दुराचार किया गया। एक दर्द से मुक्ति के लिए ढोंगी के पास गई थी और उसने तो जिंदगी भर का दर्द दे दिया। इस बाबत पीडि़ता ने साहरघाट थाना क्षेत्र के श्यामसुंदर शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। वह राजनगर थाना क्षेत्र के पटवारा चौक पर फर्नीचर की दुकान चलाता है। 

आरोप है कि दुकान में आरोपित ने झाडफ़ूंक के नाम पर दुराचार किया। खजौली थाना क्षेत्र की नाबालिग लड़की चाची और भाई के साथ झाडफ़ूंक कराने आई थी। ढोंगी ओझा नींबू काटने के बहाने उसे दुकान के पीछे सुनसान स्थान पर ले गया। मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद दुराचार किया। उसने शराब पी रखी थी। घटना के बाद धमकी दी कि किसी को बताया कि जान से हाथ धो बैठेगी। डरी-सहमी पीडि़ता घर लौट गई। किसी से चर्चा नहीं की। दर्द होने पर जब स्वजनों ने जोर देकर पूछा तो घटना की जानकारी दी। इसके बाद मामला थाने पहुंचा। थानाध्यक्ष अमृत कुमार साह ने कहा कि आरोपित को जेल भेज दिया गया है। पीडि़ता की मेडिकल जांच कराई जाएगी। इसके बाद उसका बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।  इस घटना के सामने आने के बाद जहां लोग उस ढोंगी की आलोचना कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पीड़िता के परिवार वालों के विवेक पर भी तरस खा रहे हैं। बीमार होने पर किसी को अस्पताल ले जाने की जगहर झाड़फूंक कराना कहां की सोच है? शिक्षा के इस स्तर पर होने पर तरस खा रहे हैं।

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