Madhubani News: कोरोना से लड़ने वाला रेफरल अस्पताल खुद पड़ा बीमार

Madhubani News 36 बेड के रेफरल अस्पताल का नौ बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हो रहा संचालन । अस्पताल की कुव्यवस्था को ले लोगों ने किया हंगामा डीएम व सिविल सर्जन से की कार्रवाई की मांग।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:30 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:30 PM (IST)
Madhubani News: कोरोना से लड़ने वाला रेफरल अस्पताल खुद पड़ा बीमार
कोरोना से लड़ने वाला रेफरल अस्पताल खुद पड़ा बीमार।

अंधराठाढ़ी (मधुबनी), जासं। इस समय पूरा देश कोरोना से लड़ने में जुट हुआ है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग हर तरह से लोगो की मदद में जुटा हुआ है। राज्य में महामारी अधिनियम लागू है। तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सरकार के निर्देश पर अस्पतालों की साफ-सफाई की चाक-चौबंद व्यवस्था और आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है। इन सब के बीच अंधराठाढी का एकमात्र रेफरल अस्पताल खुद पूरी तरह बीमार पड़ा है। 36 बेड का यह रेफरल अस्पताल फिलहाल नौ बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा हैं। यहां ना तो कोई प्रखंड के दो लाख आबादी के लिए कोई व्यवस्था है और ना ही सुविधा। एम्बुलेंस और एक्स-रे की भी हालत खराब ही है।

खुद बीमार हो चुका अस्पताल :

अंधराठाढ़ी के रेफरल सह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति सुधरने के बदले दिनोंदिन और बदतर होती जा रही है। वरीय अधिकारियों के सुस्त रवैये के कारण जिले में कभी नामीगिरामी अस्पताल माना जाने वाला ये अस्पताल अब मिटने के कगार पर पहुंच चुका है। अस्पताल की कुव्यवस्था और दुर्दशा को लेकर पूर्व विधायक राम अवतार पासवान और प्रखंड प्रमुख शुभेश्वर यादव सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधियों ने रोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को इसकी लिखित शिकायत की थी। मगर, परिणाम कुछ ना निकला।

लोगों ने किया हंगामा :

इन सब बातों को लेकर गुरुवार को कुछ लोगों ने हंगामा किया। हंगामे का नेतृत्व कर रहे राजनारायण उर्फ छोटू राय ने कई आरोप लगाए हैं। अस्पताल के प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अस्पताल को बीमार बना दिए हैं। प्रभारी की वजह से एक भी डॉक्टर हो या अन्य कर्मी, अपने मर्जी से अस्पताल आते हैं। आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर एक दूसरे का फर्जी अटेंडेंस बना कर अपने घर चले जाते हैं। इस संबंध में कई बार सिविल सर्जन और जिलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया गया। मगर, इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई। बार-बार शिकायत के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था पहले से भी खराब होती जा रही है। मरीजों को सुविधा के नाम पर सिर्फ परेशानियां मिल रही है। कोरोना काल में भी अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा रहता है। अस्पताल में सबकुछ भगवान भरोसे है। आक्रोशित लोगों ने कहा कि उच्च पदाधिकारियों ने अगर अस्पताल की व्यवस्था में शीघ्र सुधार नहीं किया तो वे सभी लोग उग्र आंदोलन प्रारंभ करेंगे। इधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राम गोविंद झा से काफी कोशिश के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया।

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