मधुबनी के आरटीआइ एक्टिविस्ट की अपहरण के बाद हत्‍या, नर्सिंग होम के कारनामाेें के खिलाफ चला रखा था अभियान

Madhubani crime अपहर्ताओं ने अविनाश की हत्या कर शव को जलाकर सड़क किनारे फेंक दिया था। साक्ष्य मिटाने की नीयत से शव को जलाकर फेंका गया था। अविनाश को जान देकर चुकानी पड़ी कीमत। पुलिस हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए कर रही छापेमारी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 06:17 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 10:16 AM (IST)
मधुबनी के आरटीआइ एक्टिविस्ट की अपहरण के बाद हत्‍या, नर्सिंग होम के कारनामाेें के खिलाफ चला रखा था अभियान
मधुबनी के बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश की फाइल फोटो।

मधुबनी (बेनीपट्टी), जासं। बेनीपट्टी मुख्य बाजार स्थित डॉ. लोहिया चौक निवासी अपहृत आरटीआइ एक्टिविस्ट बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। अपहरण को अंजाम देने के बाद अपहर्ताओं ने अविनाश की हत्या कर शव को जलाकर उड़ेन गांव के निकट सड़क के किनारे फेंक दिया था। पुलिस ने शुक्रवार की रात शव बरामद किया। अपहर्ताओं ने बीते नौ नवंबर की रात बेनीपट्टी निवासी बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर लिया था। काफी खोजबीन के बाद भी जब अविनाश का कोई अता-पता नहीं चला तो उनके भाई ने बेनीपट्टी थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई।

प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने शुक्रवार की रात अपहृत युवक अविनाश का शव बेनीपट्टी -पुपरी स्टेट हाईवे के उड़ेन गांव के निकट सड़क के किनारे से बरामद किया। अपहर्ताओं ने अपहृत अविनाश की हत्या कर शव को जलाकर सड़क के किनारे फेंक दिया था। साक्ष्य मिटाने की नीयत से अपहर्ताओं ने शव को जला दिया था। ताकि शव की पहचान नहीं हो सके। लेकिन, अपहर्ता अपने नापाक मंसूबों के कामयाब नहीं हो सका। शव की पहचान कर ली गई है। बरामद की गई शव थाना लाया गया। शव पूरी तरह से जला हुआ था। स्वजन व मृतक के भाई को बुलाकर पुलिस ने शव की पहचान कराई। मृतक अविनाश के भाई ने लाल शर्ट व पैर में निशान देख कर शव की पहचान किया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेज दिया गया।

पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद स्वजनों ने शव का अंतिम संस्कार सिमरिया गंगा घाट पर कर दिया। मृतक के भाई चंद्रशेखर कुमार झा ने गुरुवार को थाना में आवेदन देकर बेनीपट्टी के 12 नर्सिंग होम के संचालकों, कर्मियों एवं चिकित्सकों पर अपने भाई बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर लिए जाने की आशंका व्यक्त की थी। बाद में अविनाश का शव जला हुआ अवस्था में बरामद किया गया। शव बरामद होने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।

वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगी है। मृतक अविनाश बराबर फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ उच्चाधिकारी को पत्राचार कर रहा था। इस तरह, नर्सिंग होम के कथित काले कारनामे के खिलाफ अभियान चलाना अविनाश को पड़ा भारी। मृतक के बड़े भाई त्रिलोक कुमार झा ने बताया कि पहले बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण किया गया। अपहरण के बाद उनकी हत्या कर शव को जला कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। इसी नीयत से शव को सड़क के किनारे फेंक दिया गया। उन्होंने बताया कि अविनाश लगातार फर्जी नर्सिंग होम के काले कारनामे को पर्दाफाश करने के लिए पत्राचार कर रहा था। एसडीपीओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अब यह कांड हत्या में तब्दील हो गई है। पुलिस अनुसंधान कर रही है। थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि पुलिस हत्याकांड में संलिप्त हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है। जल्द ही इस कांड का पर्दाफाश कर हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अविनाश के हत्यारों की शीघ्र हो गिरफ्तारी : विधायक

बेनीपट्टी। बेनीपट्टी के भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा ने बेनीपट्टी निवासी युवक बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर नृशंस हत्या कांड को अंजाम देने की घटना का तीखी शब्दों में भत्र्सना किया है। उन्होंने इस घटना को जघन्य अपराध करार दिया है। इस अपहरण व हत्याकांड में शामिल अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोर सजा दिलाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अविनाश समाज सेवा के क्षेत्र में लगे हुए थे। लेकिन असामाजिक तत्वों को उनकी समाज सेवा रास नहीं आया। अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए असामाजिक तत्वों ने अविनाश का अपहरण कर मौत की घाट उतार दिया। इस घटना की जितनी भी ङ्क्षनदा की जाए कम है।

अपहृत अविनाश की हत्या से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान

बेनीपट्टी। बेनीपट्टी निवासी युवक बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर मौत की घाट उतार देने की घटना से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था एवं कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गया है। अब तक एक भी हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यशैली कठघरे में है। बीते नौ नवंबर की रात बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस अपहृत अविनाश को सकुशल बरामद करने की बजाए उनका शव बरामद किया। अविनाश का अपहरण नौ नवंबर की रात किया गया था और पुलिस ने उनका जला हुआ शव 12 नवंबर की रात बरामद किया। अपहर्ताओं ने अपहृत अविनाश की हत्या कर साक्ष्य मिटाने की नीयत से शव को जलाकर सड़क के किनारे फेंक दिया था। इस जघन्य घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।

अपहरण कर हत्या कर दिए जाने वाले इस जघन्य हत्याकांड में संलिप्त एक भी हत्यारा को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस अगर अपहरण मामले को गंभीरता से लेती तो हत्या जैसी बड़ी घटना नहीं होती। मृतक के भाई चन्द्रशेखर कुमार झा ने पुलिस को आवेदन देकर बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर लिए जाने की आशंका एक दर्जन नर्सिंग होम के संचालकों व कर्मियों और चिकित्सकों के विरुद्ध जताया था। इन पर साजिश रचकर अपहरण की घटना को अंजाम देने की आशंका व्यक्त की थी। अविनाश के भाई ने 11 नवंबर को थाना में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया था। शव बरामदगी के बाद अब लोगों की नजर इस बात पर टिकी है कि इस जघन्य हत्याकांड का पुलिस कब तक पर्दाफाश करते हुए हत्यारों को गिरफ्तार कर पाती है।

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