मधुबनी: इस सड़क पर बड़े -बड़े गड्ढे, पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं

कोसी दियारा क्षेत्र की बदहाली बयां कर रही खरीक -द्वालख सड़क। अब तक मरम्मत नहीं होने से लोगों में गहराने लगा आक्रोश। इस साल मई तक बन जानी थी सड़क खेतों से सफर कर रहे लोग किसी की नजर नहीं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 11:49 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 11:49 AM (IST)
मधुबनी: इस सड़क पर बड़े -बड़े गड्ढे, पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं
इन गड्ढों में कई लोग बाइक से गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। फोटो- जागरण

मधेपुर ( मधुबनी), संस : प्रखंड का कोसी दियारा क्षेत्र बाढ़ की शरणस्थली माना जाता है। यहां का भूगोल बाढ़ की विभीषिका की कहानी बयां कर रहा है। अतीत भी दर्दनाक रहा है। हैरत की बात यह कि लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। चलने के लिए अच्छी सड़क तक नसीब नहीं। हकीकत देखनी हो तो खरीक से द्वालख -मेहसा सड़क का चक्कर लगाएं। इस सड़क से दर्जनों गांवों के लोगों का रोजाना वास्ता है।

प्रखंड मुख्यालय और बाहरी दुनिया से यह सड़क जोड़ती है। पहले पुल के अभाव में परेशानी होती था। पुल बने तो कुछ दिन धूल भरी सड़क पर चलना पड़ा। इस बार बारिश ने आवागमन बाधित कर दिया। खरीक और जानकीनगर पुल के मध्य चलना दूभर हो गया है। इस बीच भुतही बलान नदी ने सड़क को खुद में समा लिया। लोग खेतों की पगडंडियों से होकर चलते थे। इस बार कुछ जगहों पर यह रास्ता भी कटाव का शिकार हो गया है। इसके अलावा पुरानी सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैैं। इससे परेशानी और भी बढ़ गई है। इन गड्ढों में कई लोग बाइक से गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। अभी लोग निजी खेतों से होकर चलने को विवश हैं। मगर इस पर किसी की नजर नहीं है। 

सुपौल-सहरसा को जोड़ती है सड़क

यह सड़क मधुबनी के अलावा सुपौल और सहरसा जिले के लोगों के लिए भी काफी उपयोगी है। लोगों का कहना है कि वर्तमान सरकार में कोसी क्षेत्र में भी सड़कें बनी हैं, लेकिन इस सड़क का नहीं बनना समझ से परे है।

सड़क की जल्द मरम्मत की मांग

द्वालख पंचायत के पूर्व मुखिया दुर्गानंद झा, संतलाल मंडल, वाल्मीकि सदाय, पूर्व पैक्स अध्यक्ष बंदे लाल यादव, संतोष धनखोटी, वैद्यनाथ झा, महारुद्र झा, वीरेंद्र झा, पंडित भवनाथ झा, अप्पू झा, शंकर झा, जयराम झा, हर्ष झा, राजकुमार झा, संजय सिंह, जंगली पासवान, त्रिवेणी पासवान, विनोद कामत, राजीव रंजन यादव, संतोष कुमार मंडल आदि ने सरकार और प्रशासन से सड़क की जल्द मरम्मत कराने की मांग की है।

सीएम के आने पर चलने लायक बनी थी सड़क

नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली योजना कार्यक्रम के तहत जयदेव सल्हैता हाईस्कूल बरियरबा आए थे। इस दौरान जल संसाधन मंत्री संजय झा, तत्कालीन आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय समेत तमाम वरीय अधिकारी यहां से बरियरवा गए थे। तब प्रशासन ने इसे आवागमन के लायक बना दिया था। उस समय भी ग्रामीणों ने सड़क की मांग की थी। इसका शिलान्यास दो अक्टूबर 2020 को सांसद रामप्रीत मंडल ने किया था। निर्माण कार्य मई 2021 में होना था, लेकिन संवेदकों की लापरवाही से कार्य अधूरा है। इससे लोगों में आक्रोश है।

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