Madhubani news: मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छैथ आयल…… तिलक उत्सव में हुआ समधी मिलन
Madhubani News जनकपुर धाम में धूमधाम से हुआ प्रभु श्रीराम का तिलक उत्सव मंगलवार को होगा मटकोर बुधवार को परिणय सूत्र में बंधेगे जगतपालक व जगतजननी। इस कार्यक्रम को लेकर भारत से नेपाल तक धूम है ।
मधुबनी (हरलाखी), जासं। मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल, धन धन जागल भाग हे मन कमल खिलायल, मंगलमय दिन आजु हे……। पारंपरिक मैथिली गीतों से जनकपुर धाम गूंजायमान हो चला है। महिलाएं लोकगीतों के बीच घरों में अरिपन बना रही हैं। जगतपालक प्रभु श्रीराम एवं जगतजननी मां जानकी के परिणय सूत्र में बंधने के मनमोहक दृश्य को देखने के लिए लोग आतुर हैं। विदेह नरेश जनक के दरबार में शिव धनुष भंग कर प्रभु श्रीराम माता जानकी का वरण कर चुके हैं। अब दोनों के स्वजनों की उपस्थिति में मिथिला की रीति-रिवाज के अनुसार इनका वैवाहिक गठबंधन होना है। प्रभु श्रीराम के धनुष भंग कर माता सीता के वरण की सूचना से अयोध्या में भी उत्सव मन रहा है। इस बीच विवाहोत्सव के चौथे दिन अवध नरेश राजा दशरथ और विदेह राज जनक का जनकपुर में मिलन हुआ। इस दौरान राजा जनक ने तिलक चढ़ा महाराजा दशरथ से प्रभु श्रीराम व मां जानकी के विवाह की रस्मों को पूरा करने की अनुमति प्राप्त की। अनुमति मिलते ही जनकपुर धाम उत्सव के उल्लास में डूब चुका है। चारों तरफ विवाह की तैयारियां शुरू है। पूरा जनकपुर धाम प्रभु श्रीराम को दामाद बनाने के लिए सजधज कर तैयार है।
तिलक उत्सव के दौरान हुआ समधी मिलन
विवाहोत्सव के चौथे दिन तिलकोत्सव की रस्म के दौरान समधी मिलन हुआ। इस दौरान राजा जनक की भूमिका में जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रामरोशन दास रहे, जबकि अवध नरेश दशरथ की भूमिका में श्रीराम मंदिर के महंत राम गिरि थे। तिलकोत्सव के लिए राजा जनक अमूल्य उपहार (भार) लेकर हजारों श्रद्धालुओं के साथ जानकी मंदिर से निकलकर पौराणिक काल में बनाए गए जानकीपट्टी व रामपट्टी का भ्रमण करते हुए श्रीराम मंदिर पहुंचे। भार में दुर्लभ फल-फूल के साथ छप्पन प्रकार के व्यंजन शामिल थे। यह भार श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा। श्रीराम मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। राम मंदिर पहुंचते ही राजा दशरथ ने राजा जनक का स्वागत किया। दोनों ने एक दूसरे को तिलक लगाया और समधी मिलन देख श्रद्धालु भगवान के जयकारे लगाते रहे।
शुरू हुई मटकोर की तैयारी
राजा दशरथ से विवाह की अनुमति मिलते ही मटकोर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार को मटकोर की रस्में निभाई जाएंगी। इसके बाद बुधवार को प्रभु श्रीराम व मां जानकी के शुभ विवाह की रस्में पूरी होंगी। अगले दिन गुरुवार को राम कलेवा अर्थात विदाई का आयोजन होगा। जनकपुर वासी नम आंखों से माता जानकी को प्रभु श्रीराम के साथ अयोध्या के लिए विदा करेंगे।