Bihar News : बेत‍िया के ग्रामीण इलाके में लॉकडाउन का उल्लंघन, दिन भर खुली रहती हैं दुकानें

ग्रामीण क्षेत्रों के मुख्य चौराहा से तो पुलिस की गाड़ी गुजरती है लेकिन गवई रास्तों से यदा-कदा ही प्रशासनिक गाड़ी जाती हैं। जिस कारण दुकानदारों में किसी का भय भी नहीं है। जागरूकता के अभाव में गांव के लोग दुकान बंद कराने के प्रति जागरूक नहीं है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:52 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 04:52 PM (IST)
Bihar News : बेत‍िया के ग्रामीण इलाके में लॉकडाउन का उल्लंघन, दिन भर खुली रहती हैं दुकानें
ब‍िहार में लाॅकडाउन के बावजूद चौराहे पर लगी भीड़। जागरण

पश्‍च‍िम चंपारण, जासं। ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन का सरेआम उल्लंघन हो रहा है। प्रशासन की सख्ती के बाद भी गांव देहात की दुकान दिन भर खुले रहते हैं। जहां लोगों की भीड़ लगी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों के मुख्य चौराहा से तो पुलिस की गाड़ी गुजरती है लेकिन गवई रास्तों से यदा-कदा ही प्रशासनिक गाड़ी जाती हैं। जिस कारण दुकानदारों में किसी का भय भी नहीं है। जागरूकता के अभाव में गांव के लोग दुकान बंद कराने के प्रति जागरूक नहीं है। जिससे करोना संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। कभी कभार इन इलाकों से पुलिस की गाड़ी गुजरती है तो दुकानदार दुकान बंद कर लेते हैं और पुलिस के जाते ही फिर दुकान खोल लेते हैं।

शहर से ज्यादा गांव के लोग हैं प्रभावित

कोरोना संक्रमण शहर से ज्यादा गांव देहातों में फैला है। ग्रामीण इलाकों में सर्दी, खासी, बुखार से पीडि़त लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खांसी बुखार से पीडि़त अधिकतर लोगों में कोरोना का लक्षण है। हालांकि जांच नहीं होने से लोग इसे सामान्य बीमारी मान रहे हैं। संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 25 मई तक लॉकडाउन लगा दी है। बावजूद ग्रामीण इलाके के लोग चेत नहीं रहे हैं। लॉकडाउन का उल्लंघन कर चोरी चुपके ग्रामीण इलाके की दुकानें तकरीबन दिन भर खुली रहती है।

जांच नहीं होने से पकड़ में नहीं आ रही बीमारी

ग्रामीण क्षेत्रों मे कोरोना जांच नहीं होने से यह बीमारी जल्दी पकड़ में नहीं आ रही है। कोरोना का लक्षण होने के बाद भी लोग जांच कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं। ग्रामीण रमेश भगत, सूरज प्रसाद, विनोद कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जांच की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों का जांच नहीं हो रहा है। कई लोग लक्षण के बाद भी जांच कराने से डर रहे हैं। मोहन साह, भूवाली महतो, शंकर दास ने बताया कि कई गांव में घर-घर लोग सर्दी बुखार से पीडि़त हैं। यह कोरोना का लक्षण है। बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर जांच नहीं हो रही है।

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