दरभंगा में 803 नव चयनित पंचायत शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर हो गई अपलोड
दरभंगा के किरतपुर की दो पंचायतों में स्थगित रहेगी काउंसलिंग मेधा सूची में संशोधन के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। संशोधन के बाद मिली सूची के अनुमोदन पर विचार किया जाएगा। सदर और बहादुरपुर की तीन पंचायतों का फैसला बाद में।
दरभंगा, जासं। उप विकास आयुक्त के निर्देश पर विगत 12 जुलाई को प्रखंड मुख्यालयों में संपन्न हुई पंचायत काउंसलिंग में मिली शिकायतों की जांच शनिवार को पूरी कर ली गई। जिले की डेढ़ दर्जन प्रखंडों की 215 पंचायतों की संपन्न काउंसलिंग में से 15 प्रखंडों के 179 पंचायतों के लिए चयनित 803 अभ्यर्थियों की सूची एनआइसी को भेज दी गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी विभा कुमारी ने बताया कि अब इसी चयन सूची में से पंचायत शिक्षकों के पद पर नियुक्ति की जाएगी। कहा बहादुरपुर और दरभंगा सदर प्रखंड की चयनित सूची जांच उपरांत शीघ्र ही अपलोड कराने के लिए भेजी जाएगी। किरतपुर प्रखंड की दो पंचायतों कि काउंसलिंग मेधा सूची में त्रुटि रहने के कारण स्थगित कर दी गई थी।
मेधा सूची में संशोधन के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। संशोधन के बाद मिली सूची के अनुमोदन पर विचार किया जाएगा। विभागीय निर्देश के आलोक में दोनों पंचायतों में काउंसलिंग की नई तिथि निर्धारित की जाएगी। कहा कि उप विकास आयुक्त के निर्देश पर विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों का तीन सदस्यीय जांच दल लगातार अभ्यर्थियों से प्राप्त शिकायतों की जांच में लगा हुआ था। मध्यान भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डा. संजय कुमार देव कन्हैया स्थापना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी महेश चंद्र भगत और लेखा एवं योजना के युवा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार सत्यम जांच में लगे हुए थे। उन्होंने पंचायतों से प्राप्त मेधा सूची व्यक्तियों की सूची आरक्षण पणजी काउंसलिंग उपस्थिति पंजी वीडियो फुटेज पर्यवेक्षक का प्रतिवेदन सब का मिलान किया। इसके बाद ही काउंसिलिंग एवं चयन को हरी झंडी दी गई है।
समस्याओं के समाधान को डीईओ से मिला शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल
शिक्षकों की लंबित समस्याओं के समाधान तथा कार्यालय में पारदर्शिता आदि जैसे मुद्दे को लेकर टीचर्स क्लब के सदस्यों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी विभा कुमारी से भेंट की। शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवगत कराया कि विभिन्न कार्यों को लेकर शिक्षकों को कैसे कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। बाबुओं के टेबल पर घंटों खड़ा रहना पड़ता है। इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है, निराशा हाथ लगती है और वही शिक्षक कभी-कभी आंदोलन पर भी उतारू हो जाते हैं। जिससे कानून व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न होने की शंका रहती है। लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने धैर्य पूर्वक शिक्षकों की समस्याओं को सुना और कहा कि उन्होंने पहले ही उनका स्मार पत्र पढ़ लिया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कार्यालय की कार्यशैली बदली जाएगी। सभी कार्यों में पारदर्शिता रहेगी। कार्यों की समय सीमा निर्धारित होगी। कहा कि एक महीने में आपको कार्य संस्कृति में बदलाव नजर आएगा। प्रतिनिधि मंडल में डा. मनोज कुमार, पवन कुमार यादव, डा. सुशील कुमार यादव, तरुण कुमार , गौतम चौधरी विनय कुमार शामिल थे।