Bihar News: सीतामढ़ी में ममता बनर्जी और TMC सांसद कल्याण बनर्जी पर परिवाद दायर, लगा ये आरोप
सीतामढ़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। परिवाद की कॉपी ईमेल के माध्यम से अदालत में भेजी गई है। परिवाद में धार्मिक भावना को आहत करने का लगा आरोप।
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। सीतामढ़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) और टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी (TMC MP Kalyan Banerjee) के खिलाफ परिवाद (complaint) दायर किया गया है। यह शिकायत सीजेएम राजेश पाण्डेय की अदालत में अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने किया है। अधिवक्ता ने उक्त परिवाद की कॉपी ईमेल के माध्यम से कोर्ट को भेजी है।
सीता माता पर विवादित टिप्पणी का लगा आरोप
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं उनके पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी पर सीतामढ़ी में परिवाद दायर किया गया है। यह परिवाद आइपीसी की विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ है। बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने माता सीता को लेकर एक कथित विवादित बयान दिया था। कल्याण बनर्जी के इस बयान पर विपक्षी भाजपा ने जबरदस्त हंगामा किया, वहीं अब सीतामढ़ी में सिविल कोर्ट के अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने केस दर्ज कराया है।
( यह भी पढ़ें : बिहार के नेता फिर से जपने लगे हैं 'योगी मॉडल ' की माला, फिर याद आने लगे यूपी सीएम आदित्यनाथ )
सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे का आरोप
अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने सीजेएम राजेश पाण्डेय की अदालत में ईमेल के माध्यम से बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और टीएम सांसद कल्याण बनर्जी को आरोपित करते हुए उनके विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और देश में सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे का आरोप लगाते हुए मुकदमा दाखिल किया है। दाखिल परिवाद मे में बताया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री के सामने उनकी पार्टी के नेता सह सांसद कल्याण बनर्जी ने हिन्दू धर्म के आराध्य भगवन श्रीराम और माता सीता के संदर्भ में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जो धार्मिक सौहार्द बिगाडऩे वाला बयान था।
यह भी पढ़ें:मुजफ्फरपुर के भाजपा सांसद का सीएम नीतीश के डीजीपी पर तंज, कह दें तो जनता खुद कर लेगी अपनी सुरक्षा
यह भी पढ़ें: दरभंगा को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने की पहल तेज, अंतिम दौर में एप्रोन निर्माण का कार्य