रघई पंचायत में एक दशक से बंद पड़ा राजकीय नलकूप

14 हजार की आबादी वाली मीनापुर प्रखंड की रघई पंचायत आज भी समस्याओं से जूझ रही है। किसानों की खेती के लिए यहां लगा एकलौता नलकूप एक दशक से खराब पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 01:27 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:25 AM (IST)
रघई पंचायत में एक दशक से बंद पड़ा राजकीय नलकूप
रघई पंचायत में एक दशक से बंद पड़ा राजकीय नलकूप

मुजफ्फरपुर। 14 हजार की आबादी वाली मीनापुर प्रखंड की रघई पंचायत आज भी समस्याओं से जूझ रही है। किसानों की खेती के लिए यहां लगा एकलौता नलकूप एक दशक से खराब पड़ा है। नतीजतन फसलों की पटवन के लिए किसानों को निजी नलकूप का सहारा लेना पड़ता है। काफी खर्च के बाद जब किसान खेती करते हैं तो नीलगाय और बनैया सुअर खेतों में लगी फसलों को नष्ट कर देते हैं। इससे किसान काफी परेशान हैं। दैनिक जागरण द्वारा चौपाल लगी तो ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। हरिचंद्र कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित नल-जल योजना के तहत वार्ड छह में पानी टंकी 17 जनवरी को ही बनकर तैयार है। पाइप लाइन भी पूरी तरह बिछा दी गई। फिर भी स्वच्छ पानी के लिए तीन सौ परिवार तरस रहे हैं। बाढ़ और वर्षा का पानी गढ्डे में जमा होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इससे शाम के समय दरवाजे पर बैठना मुश्किल हो गया है। वहीं, बीमारी फैलने की संभावना बढ़ रही है। सतीश चंद्र प्रकाश ने बताया कि वार्ड आठ की महादलित बस्ती में बिजली पोल व तार आज तक नहीं लगाया गया है। समुदायिक भवन का निर्माण नहीं हो सका है। यहां नियमित विद्युत आपूर्ति के लिए 100 केवी का ट्रासफॉर्मर लगना चाहिए। अभी 16 केवी के ट्रासफॉर्मर से 40 घरो में बिजली पहुंच रही है। जबकि इस वार्ड में ढाई सौ घर हैं। आगनबाड़ी केंद्र सुचारू ढंग से नहीं चल पा रहा है। पोषण क्षेत्र से अधिक बच्चे उपस्थित हो जाते हैं जिससे एक और केंद्र की जरूरत है। इंद्रजीत कुमार ने बताया कि जलजमाव से मच्छरों की संख्या के साथ बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। बीमारी की रोकथाम को दवा का छिड़काव कराना चाहिए। नागेन्द्र राय ने कहा कि नीलगाय और बनैया सुअर फसलों को नष्ट कर देते हैं। इसे रोकने का प्रयास सरकार को करना चाहिए। मुकलेश राय ने बताया कि पंचायत में मात्र एक नलकूप है जो खराब है। खेती में निजी पंपसेट का सहारा लेना पड़ता है जो काफी खर्चीला पड़ता है। खराब नलकूप की मरम्मत कर चालू कराया जाए। वार्ड सदस्य लालदेव सहनी ने कहा कि वार्ड 12 बाढ़ प्रभावित एरिया है। बूढ़ी गंडक नदी से प्रतिवर्ष कटाव होता है। इससे यहां की सड़क पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई है। बिजली पोल- तार भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण लोगों को किसी भी बीमारी का इलाज कराने के लिए आठ किमी की दूरी तय कर मीनापुर पीएचसी जाना पड़ता है। वार्ड सदस्य बबिता देवी ने बताया कि हमारे वार्ड में बाढ़ का पानी घुसा था। मीनापुर सीओ ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने पीड़ितों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आजतक कुछ नहीं मिल पाया।

चौपाल में हुए शामिल

मन्ना सिंह, शौखी राम, महेश राय, विनोद राम, प्रमोद राम, विशुनी साह, रामदेव राम, राजईश्वर राय, धनंजय राय, प्रमोद राय, रतिया देवी, चंदेशर साह, दिलीप कुमार, कामेश्वर कुमार, शकर साह, मुकेश कुमार, शुभलाल सहनी, शरफुद्दीन, बृजकिशोर राय, पंच कैलाश सहनी।

पंचायत एक नजर

जनसंख्या 14000

मतदाता 7200

वृद्धापेंशन 1300

प्रधानमंत्री आवास 500

आगनबाड़ी केंद्र 09

प्राथमिक विद्यालय 02

मध्य विद्यालय 04

जन वितरण दुकान 03

सरकारी पोखर 01

पोस्ट ऑफिस 01

रामजानकी मंदिर 01

बिजली सब स्टेशन 01

सरकारी हाट 02

प्रशासन का सहयोग मिला तो शीघ्र पूरे होंगे शेष विकास कार्य

मुखिया चंदेश्वर प्रसाद ने कहा कि प्रतिवर्ष हो रहे बूढ़ी गंडक नदी के कटाव को रोकने का प्रयास कर रहा हूं। पंचायत में काफी विकास कार्य किया। प्रशासन का सहयोग मिला तो ं शेष कार्यो को शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। पंचायत की सभी सड़कें बना दी गई हैं। 13 सौ वृद्धापेंशन, पांच सौ प्रधानमंत्री आवास ग्रामीणों को मुहैया करा दिया गया है।

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