LNMU: विश्वविद्यालय सभी परीक्षाएं लेने की कर रहा तैयारी, कुलाधिपति और सरकार के आदेश के बाद परीक्षा संभव

Lalit Narayan Mithila University कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल परीक्षाओं से जुड़ा फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। कुलाधिपति और सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद परीक्षाएं ली जा सकती है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 03:43 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 03:43 PM (IST)
LNMU: विश्वविद्यालय सभी परीक्षाएं लेने की कर रहा तैयारी, कुलाधिपति और सरकार के आदेश के बाद परीक्षा संभव
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की फाइल फोटो।

दरभंगा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल परीक्षाओं से जुड़ा फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए परीक्षाएं कराने या फिर छात्रों को प्रमोट करने का फैसला ले सकेंगे। सूत्रों की माने तो ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय इस साल भी पिछले साल की तरह सभी लंबित परीक्षाओं का आयोजन करेगी। इसको लेकर तैयारी पूरी है। कुलाधिपति और सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद परीक्षाएं ली जा सकती है। हालांकि  ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने अब तक लंबित परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला फिलहाल नहीं लिया है। बता दें कि पिछले साल कोरोना काले के बीच मिथिला विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष के साथ ही सभी छात्रों की लंबित परीक्षाएं ली थी। स्नातक की परीक्षाओं में बहुविकल्पी प्रश्न पूछे गए थे। सौ अंकों के सभी सैद्धांतिक अनुसांगिक, सामान्य, भाषा के प्रश्न पत्रों में सौ बहुविकल्पी प्रश्न पूछे गए थे। जिसमें छात्रों को 80 प्रश्नों के उत्तर देने पड़े थे। परीक्षा के लिए डेढ़ घंटे का समय निर्धारित किया गया था। प्रायोगिक विषयों वाले 75 अंक के सैद्धांतिक पत्रों में 100 प्रश्न पत्र पूछे गए थे। डेढ़ घंटे में छात्रों को 75 प्रश्नों के उत्तर देने देने परे थे। संगीत के अनुसांगिक, सामान्य, सैद्धांतिक पत्र जो 50 अंक के होते हैं उसमें 60 बहुविकल्पी प्रश्न पूछे गए थे। एक घंटे में छात्रों को 50 प्रश्नों के उत्तर देने परे थे। परीक्षा को लेकर उस समय छात्र संघ के नेताओं ने विरोध भी किए थे। इस बार भी कोरोना काल की स्थिति बनी हुई है। स्नातक प्रथम खंड, द्वितीय खंड और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की परीक्षाएं लंबित हैं। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लाखों छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित दिख रहे हैं।

एक जून से 15 जून के बीच स्थिति ठीक रही तो ली जा सकती है परीक्षाएं 

कुलाधिपति के आदेश के बाद बिहार के सभी विवि ने जून की जगह मई में गर्मी छूट्टी दी है। वहीं एक जून से 15 जून के बीच लंबित परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर सभी विवि को निर्देशित किया गया है। स्थिति सामान्य रहने पर एक जून से सभी लंबित परीक्षाएं ली जा सकती है। इधर यूजीसी का कहना है कि कोरोना संक्रमण का प्रभाव देश के अलग-अलग हिस्सों में कम और ज्यादा है। ऐसे में परीक्षाओं को लेकर इस बार कोई स्टैंडर्ड गाइडलाइन अभी नहीं बनाई गई है। 

इस संबंध में लनामिवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक जून से 15 जून के बीच परीक्षाओं के आयोजन को लेकर तैयारी पूरी हैै। कुलाधिपति और राज्य सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक ही परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। स्थिति सामान्य होने पर ही परीक्षाएं ली जा सकती है। 

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