मुजफ्फरापुर में नए कृषि कानून के खिलाफ इस माह के अंत में लगेगी किसान महापंचाायत

नए कृषि कानूनों के खिलाफ एसयूसीआइ की ओर से मुजफ्फरपुर में 82 दिनों से धरना जारी है। इसमें प्रतिदिन जिले के अलग-अलग इलाके से किसान शामिल हो रहे हैं। अब इसमें मार्च के अंतिम सप्ताह में किसान महापंचायत लगाकर इन कृषि कानूनों का विरोध करने का निर्णय लिया गया है।

By Vinay PankajEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 04:29 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 04:29 PM (IST)
मुजफ्फरापुर में नए कृषि कानून के खिलाफ इस माह के अंत में लगेगी किसान महापंचाायत
नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरना पर बैठै लोग (जागरण)

 जागरण संवाददाता, मुुजफ्फरपुर। नए कृषि कानून के खिलाफ किसान महापंचायत लगाई जाएगी। इसमें देश के विभिन्न भागों के किसान नेता शामिल होंगे। एसयूसीआइ की ओर से इसकी तैयारी चल रही है।

एसयूसीआइ के जिला सचिव अर्जुन कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है। इसलिए आंदोलन लगातार जारी है। अब किसान महापंचायत लगाकर नई कानून की सच्चाई को जनता के सामने लाने का काम किया जाएगा। किसान महापंचायत मार्च के अंतिम सप्ताह में होगी। इसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

बता दें कि नए कानून के खिलाफ संगठन की ओर से 82 दिनों से लगातार धरना चल रहा है। इसमें प्रतिदिन जिले के अलग-अलग इलाके से किसान आकर धरना देकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

किसान महापंचायत का सर्मथन करते हुए किसान नेता काशीनाथ सहनी ने कहा कि किसान विरोधी -जनविरोधी तीनों कृषि कानून वापस लेने, नए बिजली बिल 2020 रद्द करने और किसानों के उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग पर खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से चल रहा अनिश्चितकालीन धरना जारी है। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी तीन कृषि कानून लाकर केंद्र की मोदी सरकार किसानों की जमीन को निजी मालिकों के हाथों में सौंपने की नीति लागू करना चाह रही है । नए बिजली बिल 2020 लागू होने से बिजली आम जनता के क्रय क्षमता से बाहर हो जाएगी।

आरोप लगाया कि खेती 75 प्रतिशत जनता की जीविका का साधन है जो व्यवसाय में परिणत होने से देश के किसान जीविकाविहीन हो जाएंगे और देश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला तेजी से बढ़ेगा। खाने-पीने जैसी रोजमर्रा की चीजें आम जनता की क्रय क्षमता से बाहर हो जाएगी। सहनी ने कहा कि जनता को एकजुट होकर सरकार की जन विरोधी कृषि नीति एवं नई बिजली बिल 2020 का विरोध करने की जरूरत है तभी जीविका का साधन कृषि एवं बिजली को बचाया जा सकता है। किसान नेता कृष्ण कुमार राय, विपिन कुमार ठाकुर, विनय साह, उदय झा ,राकेश कुमार, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के भूपनारायन सिंह ,अखिल भारतीय किसान सभा के चंदेश्वर प्रसाद चौधरी ,मोहन राय ,राजेश कुमार साहू, मोहम्मद उस्मान ने नए कानून का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि जब तक कानून वापस नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा इन्होंने कहा है कि किसान पंचायत में किसान जुटकर उसका विरोध करेंगे। 

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