Madhubani: पत्नी का दर्जा पाने को धरने पर बैठी ज्योति, खुद को बता रही सीबीआइ इंस्पेक्टर, प्यार में एमबीबीएस की पढ़ाई बाधित
मधुबनी के बाबूबरही थाना क्षेत्र के घोंघौर गांव में कथित पति के घर के सामने चार दिनों से जमाया डेरा कथित पति ने बातचीत को स्वीकारा लेकिन शादी करने से किया इन्कार कर रहे जांच की मांग खुद को सीबीआइ इंस्पेक्टर बता रही ज्योति।
मधुबनी, जासं। बाबूबरही कलुआही थाना क्षेत्र के करमौली गांव की ज्योति झा अपना हक पाने के लिए थाना क्षेत्र के घोंघौर गांव में माधव झा के दरवाजे पर चार दिनों से धरना पर बैठी है। इनके अनुसार माधव झा से वर्ष 2018 से प्रेम प्रसंग चलता आ रहा था। दो जुलाई 2019 को दोनों ने चंडीगढ के शिव मंदिर में शादी रचा ली। बाद में सामाजिक बदनामी के चलते रीति-रिवाज से विवाह की सहमति दोनों परिवार में बनी, लेकिन लड़का पक्ष शादी से मुकर गया। कहती है कि उनके गर्भ में छह माह का शिशु पल रहा है। बताया कि जब माधव झा ने शादी करने से पल्ला झाड़ लिया तो वह चंडीगढ़ एसएसपी की शरण में गई थी। इसके बाद न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। न्यायाल का आदेश भी स्थानीय प्रशासन को सौंपा है। ज्योति खुद को एमबीबीएस की छात्रा बताते हुए कहती है कि इस कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो गई। कभी वह खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताते हुए कार्ड भी दिखाती है। कहा कि उसे ससुराल में पत्नी का दर्जा व उचित सम्मान मिले, इसलिए धरने पर बैठी है।
कथित पति कर रहे डीएनए टेस्ट की मांग :
इधर, माधव झा सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हैं। कहा कि यदि इनके पास शादी या किसी अन्य प्रकार का कोई साक्ष्य है तो उसे दिखाएं। गर्भ में पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी की। कहा कि ज्योति का ननिहाल घोंघौर है। इसी क्रम में इनसे बातें होती रहती थी। ज्योति झा के परिवार की ओर से शादी का प्रस्ताव जरूर आया, लेकिन घरवालों ने शादी से मना कर दिया। कहा कि गांव की रंजिश को लेकर ज्योति को गांव के ही कुछ लोग भड़का कर योजनाबद्ध तरीके से इन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई है। कहा कि प्रताडऩा व मानहानि को लेकर वे भी धरना पर बैठेंगे। इधर, सदर डीएसपी कामिनी बाला ने कहा कि ज्योति के पास शादी का या फिर न्यायालय का कोई ऑथेंटिक पेपर नहीं है और न ही स्थानीय स्तर पर कोई मामला दर्ज कराया गया है । पडताल की जा रही है।
ज्योति की बातों से प्रशासन भी सकते में :
ज्योति की बातों से प्रशासन भी सकते में है। दरअसल गुरुवार को थाने पहुंची ज्योति आठ घंटे तक थाने पर बैठी रही। इस बात को लेकर तकरार करती रही कि प्रशासन इन्हें पति के घर पहुचावें। इस दौरान वे लगातार वरीय पदाधिकारियों व नेताओं को फोन करती रही। प्रशासन ने जब वरीय पदाधिकारी या न्यायालय का आदेश मांगा तो वह टालमटोल करती रही। अंतत:जो आदेश दिखाया गया वह संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि उक्त आदेश का फर्जी स्कैङ्क्षनग कर प्रशासन को सौंपा गया है। ज्योति का कभी एमबीबीएस की तैयारी करने और कभी सीबीआई पुलिस इंस्पेक्टर का आईकार्ड दिखाना भी संदेह पैदा कर रहा है। ज्योति अपने माता-पिता के साथ चंडीगढ में रहती थी। वर्तमान में वे भी गांव में ही रह रहे हैं। इधर, शनिवार की शाम ज्योति के पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश करने की बात भी सामने आ रही है।