कोरोना महामारी की भयावता को देखते हुए मोतिहारी में 25 मई तक न्यायिक कार्य स्थगित

उच्च न्यायालय पटना के रजिस्टार जेनरल नवनीत कुमार पांडेय द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश को निर्देशित पत्र में कहा गया है कि 4 मई को आदेशित पत्र में सिर्फ रिमांड को छोडकर सभी न्यायिक कार्य स्थगित रहेगें तथा न्यायालय परिसर में किसी प्रकार का प्रवेश वर्जित रहेगा।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 12:27 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 12:27 PM (IST)
कोरोना महामारी की भयावता को देखते हुए मोतिहारी में 25 मई तक न्यायिक कार्य स्थगित
कोरोना संक्रमण की वजह से न्यायिक कार्य भी बंद।

पूर्वी चंपारण, जासं। कोविड-19 की विभीषका को देखते 25 मई तक न्यायिक कार्य पूर्णत: बंद रहेंगे। उक्त निर्देश रविवार को जिला विधिज्ञ संघ कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से हुए निर्णय के आलोक में लिया गया। जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव कन्हैया कुमार सिंह व संघ के मीडिया प्रभारी राहुल त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए संयुक्त रूप से कहा कि सरकार के 25 मई तक लॉकडाउन के निर्देश व उच्च न्यायालय पटना के निर्देश के आलोक में उक्त निर्णय लिया गया है।

उच्च न्यायालय पटना के रजिस्टार जेनरल नवनीत कुमार पांडेय द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश को निर्देशित पत्र में कहा गया है कि 4 मई को आदेशित पत्र में सिर्फ रिमांड को छोडकर सभी न्यायिक कार्य स्थगित रहेगें तथा न्यायालय परिसर में किसी प्रकार का प्रवेश वर्जित रहेगा। उसी आदेश को विस्तारित कर 22 मई तक किया जाता है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश परशुराम ङ्क्षसह यादव ने उच्च न्यायालय के निर्देशित पत्र की प्रतिलिपि जिला विधिज्ञ संघ को भेजते हुए आदेश से अवगत कराया।

महासचिव श्री ङ्क्षसह ने कहा कि आज ऐसी परिस्थिति है कि हम सभी का पहला कर्तव्य मानव जीवन बचाना हो गया है। ऐसे में अधिवक्ता बंधुओं से अपील किये कि कोरोना सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए उच्च न्यायालय व सरकार के लॉक डाउन आदेश का पालन करना हम सभी का दायित्व एवं कर्तव्य है। हम सभी इस लॉक डाउन के दौरान अपने घरों में रहे। घर से निकलते समय अपना मास्क पहनना न भूले, सोशल डिस्टेंङ्क्षसग का पालन करें। हम सुरक्षित रहेगें तो देश सुरक्षित रहेगा।

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