बगहा में श्रीविधि से खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहीं जीविका सदस्य
रामनगर के चार पंचायतों में 90 एकड़ में हुई है धान की खेतीअच्छी उपज के लिए अन्य किसानों को जागरूक कर रहीं जीविका सदस्य अपने भी नई तकनीक के सहारे आगे खेती कर आगे बढ़ रही और दूसरों को भी कर रहीं प्रेरित।
पश्चिम चंपारण (बगहा) जासं। महिलाएं अब किसी भी काम में पुरुषों से पीछे नहीं है। दूर दराज के गांवों से लेकर भागदौड़ वाले मेट्रो सिटी में भी यह देखने को मिल रहा है। प्रखंड में जीविका दीदियों के सहयोग से महिलाओं के हौंसले को उड़ान मिल रहा है। जो पुरुषों के द्वारा अब तक की जा रही खेती में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। खुद तो, नई तकनीक के सहारे आगे बढ़ रही हैं। दूसरों को भी प्रेरित करने का काम भी कर रही हैं। इस वर्ष जीविका दीदी खेती में श्रीविधि धान को लेकर चर्चा में हैं। जो पारंपरिक खेती से अलग है। साथ हीं वैज्ञानिक तरीके से इस विधि से धान की अधिक उपज व मुनाफा कमाने का रास्ता भी है। प्रखंड के चार पंचायतों में इसकी शुरूआत की गई है। जिसमें इस विधि से धान की फसल लहलहा रही है। जो अन्य कृषकों के लिए भी उत्सुकता का विषय बना है। जीविका के क्षेत्रीय समन्वयक संतोष कुमार का कहना है कि महिलाओं में खेती के प्रति भी काफी जागरूकता आई है। अपने अच्छी उपज से अन्य किसानों को जागरूक व प्रेरित करने का काम भी जीविका के सदस्य कर रहे हैं।
इन पंचायतों में हुई है श्रीविधि से खेती
कृषि विभाग की तरफ से बराबर श्रीविधि पद्धति को बढावा देने की बात कही जाती है। इससे कम लागत में कृषकों को अच्छा मुनाफा कम रकबा वाले भूमि पर मिल सकता है। पर, स्थानीय किसान पुरानी पारंपरिक विधि को छोड़ना नहीं चाहते हैं। साथ हीं उनका यह भी मानना है कि पता नहीं इस विधि से उपज होगी भी की नहीं। जिनको बढ़ावा देने के लिए महिलाएं आगे आई हैं। फिलहाल प्रखंड के बगही सखुआनी, परसौनी, मनचंगवा व तौलाहा पंचायत में जीविका के तरफ से यह कार्य आरंभ किया गया है। जिसमें परसौनी, बगही व बखरी की कुमारी अन्नू, पिंटू देवी, राजकली देवी, रामावती देवी, शीला, ममता, अनीता, निर्मला देवी, रेणु कुमारी, दीपू देवी इस कार्य को बढ़ा रही हैं। वर्तमान में इस विधि से करीब 90 एकड़ में खेती की गई है।
--श्रीविधि से की गई खेती की मॉनीटरिंग लगातार की जा रही है। अभी तक के परिणाम काफी अच्छे हैं। अगली फसल में इसका रकबा और अधिक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए किसानों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। -संतोष कुमार, क्षेत्रीय समन्वयक जीविका