Shree krishna janmashtami 2020 : इस बार 11 और 12 अगस्त को मनेगी जन्माष्टमी, शुरू हो गई तैयारी

Shree krishna janmashtami 2020 अष्टमी तिथि 11 अगस्त को सुबह करीब सवा छह बजे से लग जाएगी। जिसमें यह तिथि पूरे दिन और रात तक रहेगी। इस कारण कुछ 11 तो कुछ 12 को मनाएंगे जन्माष्टमी।

By Edited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 01:37 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 07:32 AM (IST)
Shree krishna janmashtami 2020 : इस बार 11 और 12 अगस्त को मनेगी जन्माष्टमी, शुरू हो गई तैयारी
Shree krishna janmashtami 2020 : इस बार 11 और 12 अगस्त को मनेगी जन्माष्टमी, शुरू हो गई तैयारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Shree krishna janmashtami 2020 : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर इस बार भी पंचांगकारों में मतभेद है। कुछ पंचांग 11 अगस्त तो कुछ 12 अगस्त को जन्माष्टमी बता रहे हैं। हालांकि शहर के प्रमुख पंडितों की मानें तो गृहस्थ लोग 11 और वैष्णव संप्रदाय के लोग 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे।

 बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक, सदर अस्पताल स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित देवचंद्र झा, बालूघाट के पंडित विनोदानंद झा आदि बताते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। ऐसे में इस बार तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहा है। अष्टमी तिथि 11 अगस्त को सुबह करीब सवा छह बजे से लग जाएगी। जिसमें यह तिथि पूरे दिन और रात तक रहेगी। इस कारण से कुछ लोग 11 अगस्त को तो कुछ 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे।

 पंडित प्रभात मिश्र बताते हैं कि श्रीमद्भागवत को प्रमाण मानकर गृहस्थ आश्रम वाले लोग चंद्रोदय व्यापिनी अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं। वैष्णव लोग उदयकाल व्यापिनी अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को देखकर यह त्योहार मनाते हैं।

भगवान कृष्ण को लगाएं मिश्री का भोग

बाल गोपाल को कृष्ण जन्माष्टमी पर माखन और मिश्री का भोग लगाना न भूलें। भोग में तुलसी दल जरूर रखें। यह भगवान कृष्ण को माखन, मिश्री और तुलसी के पत्ते बहुत ही प्रिय होते हैं।

जन्माष्टमी को लेकर सजा बाजार

जन्माष्टमी को लेकर बाजार पूरी तरह से सजकर तैयार है। जगह-जगह श्रीकृष्ण के विग्रह, मोर पंख , झूले, परिधान, मुकुट, पगड़ी सजाकर बेचे जा रहे हैं। लकड़ी ,स्टील ,और शीशे के बने आकर्षक झूले भी लोगों को लुभा रहे हैं। विग्रह के लिए छोटे-छोटे परिधानों की भी मांग है।

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