पंचायत चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहे प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी

जिले में पंचायत चुनाव को प्रखंड स्तर के पदाधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 01:29 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 01:29 AM (IST)
पंचायत चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहे प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी
पंचायत चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहे प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी

मुजफ्फरपुर : जिले में पंचायत चुनाव को प्रखंड स्तर के पदाधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यही कारण हे कि चुनाव प्रक्रिया में काफी खामियां एवं गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। मड़वन प्रखंड में नामांकन दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों की इंट्री में गड़बड़ी के कारण बीडीओ एवं निर्वाची पदाधिकारी को चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही हटा दिया गया था। इसी तरह की गड़बड़ी मुशहरी प्रखंड में भी सामने आई है। यहां भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के वार्ड की इंट्री गलत कर दी गई। मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह कर पोर्टल खुलवाया गया। इसके बाद गलत इंट्री को सही किया गया। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) एवं डीएम प्रणव कुमार ने बीडीओ से 24 घंटे में स्पष्टीकरण देने को कहा है।

मुशहरी बीडीओ ने गड़बड़ी की नहीं दी सही जानकारी

मुशहरी बीडीओ महेश चंद से पूछे गए स्पष्टीकरण डीएम ने कहा कि प्रखंड में अभ्यर्थियों के नामांकन में मानवीय भूल की बात कही गई थी। कहा गया था कि भूलवश कुछ अभ्यर्थियों का जिस वार्ड में नामांकन है उसी वार्ड में आनलाइन नामांकन दर्ज कर दिया गया है, मगर यह जानकारी सही नहीं है। अभ्यर्थी ने किसी अन्य वार्ड के लिए नामांकन किया था। यही नहीं अभ्यर्थी की पंचायत भी गलत है। इससे स्पष्ट है कि आपके द्वारा निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में उदासीनता, कर्तव्यहीनता, स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही बरती गई है। इसे देखते हुए 24 घंटे में जवाब दें कि निर्वाचन कार्य में इस तरह की लापरवाही पर क्यों नहीं अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जाए। मतदान एवं मतगणना में भी लापरवाही

अब तक जिले के दो प्रखंडों में चुनाव संपन्न हुआ है। इसमें मड़वन और सरैया शामिल है। दोनों प्रखंडों में पहले मतदान के दिन गड़बड़ियां सामने आई थीं। सरैया में जहां दोपहर तीन बजे तक मतदान हो जाना था वहां रात के नौ बजे वोट डाले गए। जबकि इसे नक्सली प्रभावित प्रखंड माना गया था। मड़वन में भी रात के दस बजे तक वोटिग हुई थी। वहीं मतगणना में भी अराजकता की स्थिति दिनभर रही। ये चीजें पंचायत चुनाव को गंभीरता से नहीं लेने का परिणाम है।

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