मुजफ्फरपुर में कोरोना क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर खूब हुई लूट, जांच टीम ने दी रिपोर्ट

ढाई करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी आई सामने। मीनापुर विधायक की शिकायत पर गठित जांच टीम ने डीएम को दी रिपोर्ट। जिस टेंट हाउस को 92 लाख रुपये अग्रिम दिए गए उसका अता-पता नहीं। सभी ऐसी एजेंसी को काम दिए गए जिसे नहीं था जीएसटी नंबर।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 08:49 AM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 08:49 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में कोरोना क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर खूब हुई लूट, जांच टीम ने दी रिपोर्ट
मीनापुर विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव ने क्वारंटाइन सेंटर में गड़बड़ी की शिकायत की थी।

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना मरीजों की सहायता के लिए जहां कई संस्थाएं सेवा भाव से काम की। वहीं जिले के मीनापुर प्रखंड में कोरोना मरीजों के लिए बने क्वारंटाइन सेंटरों में करोड़ों की गड़बड़ी की गई। डीएम के आदेश पर गठित जांच टीम ने प्रखंड के क्वारंटाइन सेंटरों में करीब दो करोड़ 69 लाख रुपये की गड़बड़ी पकड़ी है। जांच रिपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि जिस टेंट हाउस के नामपर एक करोड़ 71 लाख रुपये खर्च दिखाया गया उसका अता-पता ही नहीं है। इसके अलावा अन्य जिन एजेंसियों को काम दिया उनके पास जीएसटी नंबर नहीं पाया गया। मालूम हो कि मीनापुर विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव ने क्वारंटाइन सेंटर में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके बाद डीएम ने एडीएम राजेश कुमार, जिला लेखा पदाधिकारी विजय कुमार सिंह व डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान से मामले की जांच कराई। 

सबकुछ नियम के विरुद्ध पाया गया

जांच टीम ने पाया कि प्रखंड में 108 क्वारंटाइन सेंटर संचालित किए गए। यहां कुल 6791 प्रवासी निबंधित थे। इन क्वारंटाइन सेंटरों के संचालन के लिए अग्रिम के रूप में करीब पौने तीन करोड़ रुपये विभिन्न एजेंसियों को दे दिए गए। इसमें राकेश कुमार (राकेश टेंट हाउस) को सबसे अधिक 92 लाख रुपये अग्रिम दिए गए। जांच में इस टेंट हाउस का कोई अता-पता नहीं चला। इसके अलावा चार अन्य एजेंसियों को राशि दी गई। इनमें से किसी के पास जीएसटी नंबर नहीं था। सभी एजेंसी की ओर से चार करोड़ 23 लाख 75 हजार रुपये व्यय दिखाया। जांच टीम ने प्रवासियों की संख्या के आधार पर खर्च का आकलन किया तो यह आंकड़ा एक करोड़ 54 लाख 46 हजार रुपये ही हुआ। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि क्वारंटाइन सेंटरों में दो करोड़ 69 लाख रुपये का अधिक व्यय दिखा गया है। यह राशि वसूलने के साथ मामले की जांच विशेष ऑडिट टीम से कराने की अनुशंसा की गई है। टीम ने अंचलाधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठाया है।

जिले को करीब 26 करोड़ का आवंटन

कोरोना काल में विभिन्न मद में करीब 26 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ था। यह राशि क्वारंटाइन सेंटर, सामुदायिक रसोई, खाद्यान्न आदि मद में आवंटित की गई थी।  

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