मुजफ्फरपुर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण में गड़बड़ी सामने आने पर हर पीएचसी स्तर पर जांच
बाहर से पेंटिंग कर बिना उपस्कर के सरकारी राशि उठाने का आया मामला। सभी पीएचसी प्रभारी से स्थल की रिपोर्ट सीएस ने तस्वीर के साथ देने को कहा। सीएस ने कहा कि मुशहरी पीएचसी प्रभारी से दो दिन के अंतर्गत रिपोर्ट मांगी गई है।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में खुल रहे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि में गोलमाल का मामला सामने आ रहा है। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी मुशहरी पीएचसी अंतर्गत जमालाबाद में अधूरा निर्माण को देखने के बाद एक्शन में हैं। सीएस ने कहा कि मुशहरी पीएचसी प्रभारी से दो दिन के अंतर्गत रिपोर्ट मांगी गई है। उनसे यह जानकारी मांगी गई है कि किस मद से कितनी राशि खर्च हुई। अगर अधूरा निर्माण तो संबंधित प्रबंधक व अन्य पर क्या कदम उठाया गया। सीएस ने कहा कि जिले में जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जो जानकारी सामने आई है। उसके हिसाब से -जिले में कुल 263 हेल्थ एडं वेलनेस सेंटर प्रस्तावित हंै जिसमें से 81 चालू है। सभी पीएचसी प्रभारी से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थल रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद वह समीक्षा करेंगे तथा टीम सभी जगह पर जाकर निरीक्षण करेगी। अगर कहीं भी मानक के अनुरूप काम नहीं हुआ होगा तो वहां पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। जो जवाबदेह होंगेे उनके खिलाफ राज्य मुख्यालय तक उसकी रिपोर्ट जाएगी।
कहां पर कितने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
प्रखंड-----संख्या
औराई-- 10
बंदरा ----6
बोचहा--- 16
गायघाट--- 13
मीनापुर ---41
मुरौल--- 6
पारू ---14
सकरा--- 35
कांटी----17
कटरा ---8
कुढऩी ----18
मड़वन ----8
मोतीपुर ----18
मुशहरी--- 24
साहेबगंज--- 11
सरैया ---18
ठप हो सकती है शहर की सफाई, 23 से हड़ताल पर जाएंगे दैनिक सफाइकर्मी
जासं, मुजफ्फरपुर : नगर निगम प्रशासन ने संविदा एवं दैनिक पारिश्रमिक पर कार्यक्रम कर्मचारियों को 22 जून तक अंतर राशि एवं रिस्क व हार्डशीप भत्ता का भुगतान नहीं हुआ तो वे 23 जून से हड़ताल पर चले जाएंगे। नगर निगम के अधिकांश सफाईकर्मी या तो संविदा पर बहाल या फिर दैनिक पारिश्रमिक पर कार्यरत हंै। यदि वे हड़ताल पर गए तो शहर की सफाई के साथ-साथ नालों की उड़ाही का कार्य ठप हो जाएगा। नगर निगम कामगार यूनियन ने गुरुवार को नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर अपनी पूरी करने एवं हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। यूनियन के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा है कि तीन माह बीत जाने के बाद भी निगम प्रशासन संविदा एवं दैनिक पारिश्रमिक कर्मियों को अंतर वेतन की राशि का भुगतान नहीं कर रहा है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। कोरोन काल में काम करने वाले इन कर्मचारियों को रिस्क एवं हार्डशीप भत्ता भी नहीं दी गई। प्रशासन उनकी मांग पूरी करे या आंदोलन को तैयार रहे।