Bihar, Sheohar Election 2020: शिवहर विधानसभा सीट पर दिलचस्प लड़ाई, जिस सीट से मां-बाप को जीत नसीब नहीं, क्या बेटा करेगा उसे फतह?
Bihar Sheohar Election 2020 राजद ने शिवहर सीट से पूर्व सांसद आनंद मोहन व लवली आनंद के पुत्र चेतन आनंद को बनाया प्रत्याशी। पंडित रघुनाथ झा के पुत्र और पौत्र भी थे टिकट की रेस में पार्टी ने किया दरकिनार।
शिवहर [नीरज]। सूबे के सबसे छोटे जिले शिवहर में विधानसभा की महज एक सीट है। यह कभी हॉट सीट में शुमार होती थी। लोकसभा से लेकर विधानसभा तक के अधिकतर चुनावों में यह क्षेत्र सूबे की सियासत का केंद्र रहा है। राजनीति कभी पंडित रघुनाथ झा पर केंद्रित रही तो कभी बाहुबली आनंद मोहन पर। इस बार भी यह चुनाव के केंद्र में है।
यहां रघुनाथ झा तथा आनंद मोहन की चर्चा हर जुबां पर है। वजह ये कि जिस पंडितजी ने शिवहर जैसे छोटे से अनुमंडल को जिला बनाने में बड़ी भूमिका अदा की थी, इस बार के समीकरण में उनका योगदान गौण हो गया। उनके पुत्र अजीत कुमार झा और पौत्र नवनीत कुमार झा को दरकिनार कर राजद ने आनंद मोहन व लवली आनंद के पुत्र चेतन आनंद को प्रत्याशी बनाया है। यहां मंथन इस पर भी है कि जिस सीट से मां-बाप को जीत नसीब नहीं हुई, क्या बेटा उसे फतह करेगा? जबकि, उनके सामने दो बार से विधायक जदयू के सर्फुद्दीन हैं तो साथ में माता-पिता का सियासी इतिहास। जातीय समीकरण का सर्वकालिक फैक्टर तो है ही।
चार बार पिता लड़े, अब उनकी जगह आए वामिक जफीर
यह सीट जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी मो. वामिक जफीर को लेकर भी चर्चा में है। उनके पिता मो. जफीर चार बार शिवहर से चुनाव लड़े, लेकिन एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई। हालांकि, उन्होंने पंडित रघुनाथ झा जैसे नेता को कड़ी टक्कर दी थी। एक बार तो निकटतम प्रतिद्वंद्वी भी रहे। इस बार विधायक मो. सर्फुद्दीन पर हमले के मामले में 14 दिन तक जेल में रहकर बाहर निकले मो. वामिक पिता की पराजय को जीत में बदलने के लिए ताल ठोंक रहे।
बेहद करीबी मुकाबले में हार गई थीं लवली
आनंद शिवहर लोकसभा सीट से एक बार जीत चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्हेंं कभी सफलता नहीं मिली। आनंद मोहन ने वर्ष 1995 में शिवहर सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें पंडित रघुनाथ झा ने शिकस्त दी। वर्ष 2015 में लवली आनंद एनडीए समॢथत हम के टिकट पर मैदान में उतरीं। लेकिन, बेहद करीबी मुकाबले में जदयू के मो. सर्फुद्दीन से 461 मतों से हार गई थीं।