Indian Railways News: इस व्‍यवस्‍था के बाद मुजफ्फरपुर में बटन दबाकर ट्रेन चलवाएंगे स्टेशन मास्टर

Indian Railways News रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआइ) का काम शीघ्र चालू होने वाला है। अगले साल मार्च तक इसे पूरा कर लेना है। इससे जुड़े नए पैनल कई वर्ष पहले से बनकर तैयार हैं। इसे आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए सिग्नल विभाग के पास केवल उपलब्ध नहीं था।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:48 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:48 AM (IST)
Indian Railways News: इस व्‍यवस्‍था के बाद मुजफ्फरपुर में बटन दबाकर ट्रेन चलवाएंगे स्टेशन मास्टर
जंक्शन पर नए पैनल को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Indian Railways News: अब स्टेशन मास्टर बटन दबाकर ट्रेन चलाएंगे। नई व्यवस्था से स्टेशन मास्टरों को मैन्युअल काम से मुक्ति मिलने वाली है। नई व्यवस्था के अब आउटर पर ट्रेन नहीं रुकेगी। जानकारी के अनुसार जंक्शन पर रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआइ) का काम शीघ्र चालू होने वाला है। अगले साल मार्च तक इसे पूरा कर लेना है। इससे जुड़े नए पैनल कई वर्ष पहले से बनकर तैयार हैं। इसे आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए सिग्नल विभाग के पास केवल उपलब्ध नहीं था। इससे पैनल को आधुनिक उपकरणों से लैस करने में विलंब हो गया। जंक्शन पर नए पैनल को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। विगत कई वर्षों से पैनल केबिन में काम चल रहा है। 

नए पैनल को चालू कराने में जोड़

पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक मुजफ्फरपुर जंक्शन पर आरआरआइ काम और नए पैनल को चालू कराने में जोड़ दिया। इसके बाद पैनल केबिन को लैस करने का काम युद्ध स्तर से शुरू हुआ। पैनल केबिन तैयार होने के बाद स्टेशन मास्टर बटन दबाकर ट्रेन को चलाएंगे। जबकि वर्तमान में पैनल केबिन से स्टेशन मास्टर पुराने पद्धति से काम कर रहे हैं। स्टेशन मास्टर चाबी घुमाकर लाइन तैयार करते हैं। इसके बाद हाजीपुर, नरकटियागंज व समस्तीपुर से आने वाली ट्रेनों की लाइन तैयार कर किया जाता है। अधिक पुराने सिस्टम होने के कारण प्रत्येक दिन सिग्नल जवाब दे रहा है। इससे परिचालन पर असर पड़ता है। नए पैनल केबिन चालू होने के बाद स्टेशन मास्टर को चाबी के बदले में बटन दबाकर ट्रेनों का परिचालन करना होगा। कर्मियों को कंप्यूटर चलाने की आदत भी हो जाएगी। सोनपुर मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि आरआरआइ का काम पूरा होने के बाद नया पैनल चालू हो जाएगा। इससे कर्मियों को कंप्यूटर पर काम करने का मौका मिलेगा। ट्रेनों का परिचालन बेहतर होगा। ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी और‌ आउटर पर ट्रेन नहीं रुकेगी।

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