अस्पतालों में चर्म रोग के मरीजों की संख्या में इजाफा
चर्म रोग से बचने के लिए साफ-सफाई पर दें विशेष तौर पर ध्यान सर्दी के मौसम में वातावरण में नमी की कमी त्वचा पर पड़ रहा असर डॉ राजेन्द्र काजी ने बताया कि लगातार पड़ रही ठंड की वजह से मरीज चर्म रोग की चपेट में आने लगे हैं।
पश्चिम चंपारण, जागरण संवाददाता । ठंड इस समय अपने चरम पर है। ठंड से बीमार होकर प्रत्येक दिन दर्जनों मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अनुमंडलीय, भैरोगंज, हरनाटांड़, रामनगर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या चर्म रोग के मरीजों की है। हरनाटाड़ पीएचसी के प्रभारी डॉ राजेन्द्र काजी ने बताया कि लगातार पड़ रही ठंड की वजह से मरीज चर्म रोग की चपेट में आने लगे हैं। इस मौसम में वातावरण में नमी कम हो जाती है, इसका सीधा असर लोगों की त्वचा पर पड़ रहा है। इस समय मुख्य रूप से फुंसी, फोड़ा, खाज, खुजली, दाद से परेशान मरीज पीएचसी पहुंच रहे हैं।
सफाई का रखें विशेष ध्यान :
इस मौसम में कई तरह की दिक्कत हो सकती । मौसम के इस तेवर में स्किन की ऊपरी के साथ निचली सतह भी प्रभावित होकर धीरे-धीरे सूखने लगती है। ऐसे में स्किन की परत बाहर निकलने लगती है। बाद में वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया और गंदगी की वजह से कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। इससे फुंसी, फोड़ा, एक्जिमा होने के चांसेज हैं। चर्म रोग से बचने के लिए सबसे पहले साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
बचाव के उपाय :
पीएचसी के चिकित्सक डॉ संदीप कुमार राय बताते हैं कि स्किन को सूखने से बचाने के लिए उस पर अच्छी किस्म की कोल्ड क्रीम लगानी चाहिए। ठंड से बचने के लिए पैरों में गर्म मोजे व हाथ में दास्ताने पहनने चाहिए । हरी सब्जियों, मौसमी फलों, सूखे मेवा तथा पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए । अधिक समय तक धूप में बैठने से बचना चाहिए। नहाते वक्त अधिक गर्म पानी का उपयोग न करें। गीला कपड़ा न पहनें। प्रतिदिन स्नान करें और शरीर को साफ रखें। सर्दी के ऊनी कपड़े भी पहनने से पहले सूती कपड़ों का प्रयोग करें। शरीर पर तेल की मालिश जरूर करें। परेशानी बढ़ने पर चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।