सीतामढ़ी जिले में बढ़ी सर्पदंश की घटना, दो माह 20 दिन में 12 की मौत

पिछले साल की अपेक्षा इस साल घटनाएं बढ़ी हैं। हालांकि मृत्यु दर में गिरावट आई है। जुलाई अगस्त एवम सितम्बर माह में सर्पदंश का कहर जारी रहा। जुलाई से लेकर अभी तक शायद ही कोई ऐसा दिन बीता है कि जिस दिन सर्पदंश के मामले न दर्ज हों।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:30 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:30 AM (IST)
सीतामढ़ी जिले में बढ़ी सर्पदंश की घटना, दो माह 20 दिन में 12 की मौत
स्वास्थ्य विभाग का दावा, एंटी स्नेक वेनम पर्याप्त मात्रा में है उपलब्ध। फोटो- जागरण

सीतामढ़ी, जासं। सर्पदंश की घटनाओं में जिले में बेतहाशा बढ़ गई है। खासकर बारिश के मौसम में तो यह आंकड़ा भयावह लगने लगा है। सदर अस्पताल में जुलाई माह में 557 मामले सर्पदंश के दर्ज हुए हैं। जिसमे 4 लोगों की मृत्यु हुई। अगस्त में 605 मामले दर्ज़ हुए जिसमे 5 की मौत वहीं सितम्बर में अभी तक 385 के मामले दर्ज़ हैं जिसमें 3 लोगों के मौत की पुष्टि है। सिर्फ सदर अस्पताल में 1547 घटनाएं सर्पदंश की हुई हैं। जिसमे 12 लोगों की मौत हो गई ।

बारिश में बढ़ीं सर्पदंश की घटनाएं

सर्पदंश की घटनाएं अचानक जिले में बढ़ गई हैं। बारिश के मौसम में तो यह आंकड़ा जानलेवा लगने लगा है।

सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने से चिकित्सा विभाग हैरान-परेशान है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल घटनाएं बढ़ी हैं। हालांकि मृत्यु दर में गिरावट आई है। जुलाई अगस्त एवम सितम्बर माह में सर्पदंश का कहर जारी रहा। जुलाई से लेकर अभी तक शायद ही कोई ऐसा दिन बीता है, कि जिस दिन सर्पदंश के मामले न दर्ज हों। कुछ मामलों में पीड़ित ने रास्ते में ही दम तोड़ दिए या फिर इलाज के दौरान। जिला अस्पताल के1547 मामलों में मृत्यु संख्या 12 दर्शाई गई है। वैसे दवा व सूई की उपलब्धता यहां पर्याप्त बताई जा रही है। एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता भरपूर है।

जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेश चंद्र लाल ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों में एएसभी की पर्याप्त व्यवस्था है। खासकर बरसाती मौसम में स्नेक बाइट की घटनाएं बढ़ जाती है। इसलिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र उपस्वास्थ्य केंद्रों पर भी एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है। 

स्लम एरिया में शिविर लगाकर होगी वायरल बुखार की जांच

मुजफ्फरपुर : वायरल बुखार पर निगरानी के लिए स्लम एरिया के बच्चों की जांच होगी। इसके लिए सभी पीएचसी प्रभारी को जागरूकता व जांच चलाने को कहा गया है। आशा अपने पोषक एरिया के हर घर पर नजर रखेंगी। कोई बुखार पीडि़त बच्चे मिलेंगे तो उसे तुरंत अस्पताल में पहुंचाएंगी।

सीएस डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि आशा उन बस्तियों में जाएंगी, जहां अधिक बच्चे वायरल बुखार से पीडि़त हुए हैं। पीडि़त होकर जो बच्चे अस्पताल आ रहे हैं यहां से स्वस्थ होकर जा रहे हंै। उनके स्वास्थ्य की भी नियमित जांच होगी।

इन गांवों पर रहेगी खास नजर

सीएस ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे अधिक बीमार हो रहे हंै। जिले में सबसे ज्यादा बच्चे औराई, बंदरा, बोचहां के कंहारा, सिमरा, शांतिपुर, मिश्ररोलिया, गायघाट के लक्ष्मण नगर, कांटी के ढेमहां, कटरा के धनौर, कुढऩी के बलिया, केशोपुर, मड़वन के बड़कागांव, रक्शा, मीनापुर के अलिनेयोरा, कोदरिया, हड़का, मोतीपुर के सिगहाला, मुरौल के मुरौल, मीरापुर, मुशहरी के मनिका, बुधनगरा, राधानगर, प्रहलादपुर, पारू, आनंदपुर खरौना, सकरा के बागी, केशोपुर, सरैया में मिले हंै। वहां जागरूकता अभियान चल रहा है। स्वजनों को कहा गया है कि बच्चे बीमार हों तो उनको अविलंब सरकारी अस्पताल में लेकर जाएं।

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