तीसरी लहर को देखते हुए मोतिहारी में कोविड टेस्टिंग बढ़ाएगा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग

जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव ने भी कोविड टेस्टिंग एवं सैंपलिंग को बढ़ाने पर बल दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना की पॉजिटिविटी रेट यद्यपि बहुत कम हो गई है लेकिन हमें लापरवाह नहीं हो जाना है। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 03:30 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 03:30 PM (IST)
तीसरी लहर को देखते हुए मोतिहारी में कोविड टेस्टिंग बढ़ाएगा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पूर्वी चंपारण, जासं। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोविड टेस्टिंग की रफ्तार फिर एक बार तेज करने का निर्णय लिया है। गुरुवार की शाम राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद यह निर्णय लिया गया। विडियोकांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी ने भी भाग लिया।

जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव ने भी कोविड टेस्टिंग एवं सैंपलिंग को बढ़ाने पर बल दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना की पॉजिटिविटी रेट यद्यपि बहुत कम हो गई है, लेकिन हमें लापरवाह नहीं हो जाना है। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। नए वेरिएंट्स के साथ कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की गई है। इसलिए यह समझना पड़ेगा कि अभी विश्राम का समय नहीं है। महाराष्ट्र व केरल आदि राज्यों में फिर से संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं।

बिहार में अभी रोजाना दो लाख से कुछ अधिक टेस्टिंग एवं सैंपलिंग हो रही है, जिसे बरकरार रखने की जरूरत है। जिन जिलों में कोविड संक्रमण के सबसे अधिक मामले आए थे, उन जगहों पर और अधिक ध्यान टेस्टिंग और सैंपलिंग पर देना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को नियमित समीक्षा करनी होगी। टेस्टिंग से ही कोरोना को पकड़ा जा सकता है और कांटेक्ट ट्रेसिंग के साथ आसपास के घरों और क्षेत्रों में लक्षित टेस्टिंग द्वारा संक्रमण को और बढ़ने से रोक कर नियंत्रित किया जा सकता है।एक-एक पॉजिटिव मरीज के निवास स्थान के आसपास टेस्टिंग किया जाना जरूरी है। पॉजिटिव मामला पाए जाने पर अविलंब उस क्षेत्र में टेस्टिंग कराया जाए। बाहर से आने वाले लोगों की भी टेस्टिंग अनिवार्य रूप से कराई जाए। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजारों और सघन बस्तियों में टेस्टिंग किया जाना जरूरी है। इस अवसर अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन अनिल कुमार, सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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