बिहार के इस जिले में सिविल सर्जन की उपस्थिति में ड्रग इंस्पेक्टर ने प्रधान लिपिक पर उठाई चप्पल, की गाली-गलौज

समस्तीपुर में बैठक के दौरान सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में हुई घटना। प्रधान लिपिक ने ड्रग इंस्पेक्टर पर अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का लगाया आरोप।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 07:15 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 07:15 PM (IST)
बिहार के इस जिले में सिविल सर्जन की उपस्थिति में ड्रग इंस्पेक्टर ने प्रधान लिपिक पर उठाई चप्पल, की गाली-गलौज
बिहार के इस जिले में सिविल सर्जन की उपस्थिति में ड्रग इंस्पेक्टर ने प्रधान लिपिक पर उठाई चप्पल, की गाली-गलौज

समस्तीपुर, जेएनएन। सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को एक बैठक थी। इस क्रम में ड्रग इंस्पेक्टर जय शंकर प्रसाद और प्रधान लिपिक शिव शंकर मिश्र के बीच तू-तू, मैं-मैं और गाली-गलौज हुई। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि ड्रग इंस्पेक्टर ने प्रधान लिपिक पर चप्पल उठा ली। उनका आरोप है कि जय शंकर प्रसाद ने अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का भी प्रयोग किया। वहीं ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि सिविल सर्जन से वार्ता हो रही थी। इसी बीच प्रधान लिपिक कक्ष में पहुंचे। वार्ता के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। बाद में सिविल सर्जन और अन्य लोगों ने बीच-बचाव करते हुए दोनों को शांत कराया।

भंडार सत्यापन की रिपोर्ट को लेकर बैठक

सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को स्वास्थ्य संस्थानों के भंडार सत्यापन की रिपोर्ट को लेकर बैठक हुई। इसमें मिली खामियों पर चर्चा चल रही थी। सिविल सर्जन के आदेश पर ड्रग इंस्पेक्टर ने छह से 13 अगस्त तक जिले के सभी 27 स्वास्थ्य संस्थानों के औषधि भंडार केंद्र में दवा के रख-रखाव, ऑनलाइन एंट्री और भंडार सत्यापन का काम किया था। इसके आलोक में जांच हुई थी। ड्रग इंस्पेक्टर ने बातचीत के क्रम में बताया कि पूर्व में निकटतम एक्सपायरी तिथि वाली दवा स्वास्थ्य संस्थान को भेजी जाती थी। ऐसे में उन दवाओं का खपत काफी कम होने से एक्सपायर हो जाती थी।

उपस्थिति को लेकर भी विवाद

इसी क्रम में प्रधान लिपिक कक्ष में प्रवेश किए। ड्रग इंस्पेक्टर की उपस्थिति बनाने को लेकर भी चर्चा होने लगी। ड्रग इंस्पेक्टर ने अपने कार्य के बारे में बताया। पहले ड्रग इंस्पेक्टर अपने कार्यालय में ही उपस्थिति बनाते थे। विगत एक सप्ताह से रजिस्टर प्रधान लिपिक के कक्ष में रखा गया है। इन सभी बातों को लेकर दोनों के बीच विवाद बढ़ गया।

ड्रग इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की उठी मांग

सिविल सर्जन के समक्ष ही औषधि निरीक्षक जयशंकर प्रसाद ने प्रधान लिपिक के साथ गाली गलौज एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। जो बिहार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2011 के विपरीत है। इस कृत्य से सभी कर्मचारियों को ठेस पहुंची है। साथ ही कार्यालय में भय का वातावरण बना हुआ है। इस घिनौने कृत्य एवं ड्रग इंस्पेक्टर के विरुद्ध उचित कार्रवाई करते हुए कार्य बहिष्कार किया गया है। धरना में प्रधान लिपिक शिव शंकर मिश्र, रामनंदन रजक, शांति भूषण, अरविंद कुमार सिन्हा, राकेश कुमार रौशन, पुरुषोत्तम कुमार, जनमेजय कुमार, सुमित कुमार, दिलीप कुमार सिंह, अरुण कुमार ठाकुर, सच्चिदानंद यादव, उत्तम कुमार राय, अभिषेक कुमार, नंद कुमार राय, ओम प्रकाश पासवान, विनय कुमार सिन्हा, रमेश प्रसाद, कन्हैया चौधरी, कुमोद कुमार महतो आदि उपस्थित रहे।

कार्य और वेतन को लेकर भी बहस

ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि सिविल सर्जन के आदेश पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पिछले एक सप्ताह से औषधि भंडार केंद्र में दवा के रख-रखाव, ऑनलाइन इंट्री और भंडार सत्यापन का काम मिला था। इसके आलोक में जांच के बाद शुक्रवार को सिविल सर्जन ने बैठक के लिए बुलाया था। इस पर सिविल सर्जन को उसमें मिली कमियों में सुधार आदि की जानकारी दी गई। ड्रग इंस्पेक्टर ने उनसे बताया कि एक्सपायरी तिथि नजदीक होने पर भी दवा भेज दी जाती रही है। इसमें सुधार की जरूरत है। इस बीच ड्रग इंस्पेक्टर के कार्यों व वेतन को लेकर बहस छिड़ गई। पहले ड्रग इंस्पेक्टर ड्रग कार्यालय में ही उपस्थिति बना रहे थे। प्रधान लिपिक ने तुम ताम करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज करने लगे।  

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