बीआएबीयू, मुजफ्फरपुर में डिग्री बनवाने के नाम पर बिचौलिए ने छात्र से ठगे पांच हजार, हंगामा

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में बिचौलिए लगातार डिग्री प्रोविजनल माइग्रेशन अंकपत्र और पेंडिग परिणाम में सुधार के नाम पर विद्यार्थियों को ठग रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:54 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 06:54 PM (IST)
बीआएबीयू, मुजफ्फरपुर में डिग्री बनवाने के नाम पर बिचौलिए ने छात्र से ठगे पांच हजार, हंगामा
बीआएबीयू, मुजफ्फरपुर में डिग्री बनवाने के नाम पर बिचौलिए ने छात्र से ठगे पांच हजार, हंगामा

मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में बिचौलिए लगातार डिग्री, प्रोविजनल, माइग्रेशन, अंकपत्र और पेंडिग परिणाम में सुधार के नाम पर विद्यार्थियों को ठग रहे हैं। सोमवार को मोतिहारी से पहुंचे दो छात्रों और बिचौलियों के बीच इसी मामले को लेकर हुए विवाद के बाद ठगी का एक और मामला सामने आया। हालांकि छात्र के परिचितों और अन्य बिचौलियों ने पैसा वापस दिलाकर समझौता करा दिया। मोतिहारी से आए छात्र अभिनव कुमार ने बताया कि उन्हें डिग्री की जरूरत थी। इसके लिए आवेदन दिया था पर कुछ पता नहीं चल रहा था। जब वह विवि पहुंचा तो एक बिचौलिए से मुलाकात हो गई। उसने कहा कि पांच हजार में काम हो जाएगा। 10 दिनों में डिग्री उसको मिल जाएगी। इसके बाद दो महीने बीत गए। बीच-बीच में पूछने पर वह इंतजार करने की बात कहता रहा। सोमवार को छात्र स्थानीय परिचित को लेकर विवि पहुंचा था। उसने बिचौलिए को किसी तरह बातों में उलझाकर वहां बुलाया। इसके बाद विवि के प्रशासनिक भवन के बाहर दोनों आमने-सामने हुए तो छात्र ने पैसा वापस मांगा। पहले तो बिचौलिया ने इन्कार कर दिया, लेकिन बाद में विवाद बढ़ता देख उसने पैसा देकर निकल जाने में ही भलाई समझी। एलएस कालेज गेट से ही छात्रों के पीछे लग जाते हैं बिचौलिए

विवि में प्रतिदिन मोतिहारी, सीतामढ़ी, वैशाली, शिवहर समेत मुजफ्फरपुर से विद्यार्थी डिग्री, प्रोविजनल समेत अन्य कार्यो के लिए पहुंचते हैं। जब एलएस कालेज गेट से विवि की ओर बढ़ते हैं तो वहां खड़े बिचौलिए वहीं से काम करवा देने के नाम पर छात्रों को झांसा देते हैं। साथ ही विवि पहुंचकर यहां काम शीघ्र नहीं होने की बात कह पैसा ले लेते हैं। कुछ दिन पूर्व पैसा देने के क्रम में छात्र ने वीडियो बनाया तो उसकी पिटाई कर दी गई। जानकारी के अनुसार, छात्र और कर्मचारी के वेश में बिचौलिए घूमते रहते हैं। यदि मामला बिगड़ जाए तो ये बिचौलिए ही समझौता भी कराते हैं।

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