नासूर बना जलजमाव, घर से निकलना मुश्किल
चार साल पहले शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा हुई थी।
मुजफ्फरपुर : चार साल पहले शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा हुई थी। तब लेकर आज तक शहर न तो स्मार्ट हो सका और न ही इसकी समस्याओं का समाधान हुआ। कई मोहल्लों की सड़कों पर पानी भरा है। घर से निकलना मुश्किल है। जलजमाव की समस्या से शहर की तकरीबन पांच लाख आबादी प्रभावित है।
शहर में जलनिकासी की व्यवस्था ठीक नहीं है। लोगों के घरों का गंदा पानी कई मोहल्लों में सड़कों पर बह रहा है। इस समय शहर में एक दर्जन मोहल्ले इस समस्या से जूझ रहे। मोतीझील सहित अन्य प्रमुख बाजार में भी यही हाल है। इससे दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस तरह की स्थिति पहली बार नहीं है। यह समस्या दो दशक से चली आ रही है।
जल जमाव से प्रभावित इलाके : रज्जू साह लेन, केदारनाथ रोड, अमरुद बगान, बालूघाट, सिद्दीकी लेन, दास कॉलोनी, बैंकर्स कॉलोनी, गन्नीपुर, केंद्रीय विद्यालय रोड, घुनिया टोला, कुंज विहार कॉलोनी, सिद्धि विनायक गली, विवेक विहार कॉलोनी, गुदरी रोड, गोला बांध रोड, स्टेशन रोड, कचहरी रोड, मोतीझील, आमगोला रोड, बटलर कॉलोनी, पड़ाव पोखर लेन और लीची बगान रेलवे कॉलोनी।
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जलजमाव शहरवासियों के लिए सालाना पीड़ा बन गई है। इस समय बरसात में शहर का अधिकांश भाग पानी में डूबा है। वहां संक्रामक बीमारियों का खतरा है। जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।
-सुनील बंका, बैंक रोड जलजमाव से कब मुक्ति मिलेगी, पता नहीं। इस कारण बरसात में तीन महीने तक व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो जाता है। शहर के अधिकांश बाजार में सड़कों पर पानी जमा होने से ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे।
-ऋषि कुमार, सूतापट्टी लगता है शहरवासियों को जलजमाव से मुक्ति नहीं मिलने वाली है। बरसात आने पर कहा जाता है कि अगले साल से परेशानी नहीं होगी, लेकिन जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को वह साल कब आएगा पता नहीं।
-राजीव केजरीवाल, जवाहर लाल रोड जलजमाव को दूर करने के लिए हर साल करोड़ों रुपये के नाले शहर में बनने हैं। उनकी उड़ाही पर भी हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। बड़े-बड़े दावे भी किए जाते हैं, लेकिन समस्या उसी तरह बनी हुई है।
-अलका वर्मा, अंडी गोला रोड
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