मुजफ्फरपुर के मड़वन पीएचसी में उपकरणों को बिना एस्ट्रलाइज किए हो रहा उपयोग

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने रिपोर्ट के आधार पर फिर से दोबारा जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। सीएस ने कहा कि वहां के अधिकारी की लापरवाही से सरकार के एसओपी के अनुसार मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:48 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:48 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के मड़वन पीएचसी में उपकरणों को बिना एस्ट्रलाइज किए हो रहा उपयोग
सिविल सर्जन ने की समीक्षा, जांच के लिए गठित की टीम।

मुजफ्फरपुर, जासं। मड़वन पीएचसी में ओटी व प्रसव कक्ष में उपकरणों को बिना एस्ट्रलाइज किए ही उपयोग किया जा रहा है। वहां पर लंबे समय से बंध्याकरण नहीं होता। स्वास्थ्य प्रबंधक के भी वहां पर नहीं होने से पूरी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। ये बातें केयर इंडिया की टीम की जांच में सामने आई हंै। टीम ने वहां की कुव्यवस्था से संबंधी रिपोर्ट सिविल सर्जन व जिलाधिकारी को भेजी है। रिपोर्ट के बाद खलबली मची है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने रिपोर्ट के आधार पर फिर से दोबारा जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। प्रभारी, प्रबंधक व भंडारपाल से जवाब मांगा है। सीएस ने कहा कि वहां के अधिकारी की लापरवाही से सरकार के एसओपी के अनुसार मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। उपकरण को एस्ट्रलाइज किए बगैर प्रसव या आपरेशन व छोटी-छोटी ड्रेङ्क्षसग में भी संक्रमण फैल सकता है। यह लापरवाही है।

ये मिली कुव्यवस्था

मड़वन पीएचसी पहुंची केयर इंडिया की जिला स्तरीय टीम ने देखा कि ओटी व प्रसव कक्ष में उपकरणों को बिना एस्ट्रलाइज किए ही उपयोग किया जाता है। इससे कभी भी मरीजों में संक्रमण फैल सकता है। प्रसव कक्ष में आटोक्लेव चार माह से खराब है। एक साल से अधिक समय से परिवार नियोजन के आपरेशन नहीं हो रहे हैैं। आपरेशन थिएटर की स्थिति दयनीय है। टीम ने यह पाया कि एक साल से एएनएम की मासिक बैठक नहीं हुई है।

प्रभारी स्वास्थ्य प्रबंधक पर आशा ने लगाए आरोप : मड़वन पीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक पर आशा को भड़काने का आरोप लग चुका है। उनके द्वारा वाट््सएप ग्रूप बनाकर आशा को एएनएम का सहयोग नहीं करने की बात कहे जाने की शिकायत एएनएम संघ ने सिविल सर्जन से की है। वहीं प्रभारी के मुख्यालय से बाहर रहने का भी आरोप लग चुका है।

10 बेड का नहीं तैयार हुआ वार्ड

जानकारी के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर के लिए सभी 15 पीएचसी में 10 बेड का विशेष वार्ड बना है। मड़वन पीएचसी में यह नहीं बन सका है। इसी तरह वहां कई समस्याएं हैं।  

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