मुजफ्फरपुर के हथौड़ी सामूहिक दुराचार मामले में और तीन आरोपित गिरफ्तार

एक दिन पहले एक आरोपित को गिरफ्तार कर भेजा गया था जेल। पीडि़ता के बयान पर पांच आरोपितों के विरुद्ध महिला थाने में दर्ज है केस। गत सप्ताह जब सामूहिक दुराचार का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:50 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:50 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के हथौड़ी सामूहिक दुराचार मामले में और तीन आरोपित गिरफ्तार
29 मार्च को इलाके की एक किशोरी के साथ सामूहिक दुराचार किया गया था।

मुजफ्फरपुर, जासं। हथौड़ी थाना क्षेत्र में किशोरी से सामूहिक दुराचार मामले में फरार चल रहे और तीन आरोपितों को विशेष पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है। इन तीनों को पूछताछ कर विशेष पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि इसके पूर्व रविवार की रात इस मामले में एक आरोपित अर्जुन सहनी को पकड़ा गया था। अब तक चार आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दें कि 29 मार्च को इलाके की एक किशोरी के साथ सामूहिक दुराचार किया गया था। मगर धमकी के कारण किशोरी ने स्वजनों से इसकी शिकायत नहीं की थी। गत सप्ताह जब सामूहिक दुराचार का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। 

मामले में पीडि़ता के बयान पर महिला थाने में पांच के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। वीडियो वायरल करने के आरोपित छोटू साह की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। सिटी एसपी राजेश कुमार ने प्रेस वार्ता में आरोपितों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी। मामले में पितौझियां के राजा कुमार, मनीष सहनी और यशवंत सहनी को पकड़ा गया है। इसके पूर्व अर्जुन सहनी को दबोचा गया था। पूरे मामले में वैज्ञानिक अनुसंधान से साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। वीडियो बनाने में जिस मोबाइल का प्रयोग किया गया था, वह छोटू साह के पास है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। डीएसपी पूर्वी ने कहा कि पीडि़ता को मुआवजा दिलाने के लिए समाज कल्याण विभाग को प्रस्ताव भेजने के लिए जांच अधिकारी को निर्देश दिया गया है।  

पीडि़ता ने थाने पहुंच कर मांगी सुरक्षा

मुजफ्फरपुर: दुराचार पीडि़ता घर जाने हेतु सुरक्षा की गुहार लगाने हथौड़ी थाने पहुंची। थानाध्यक्ष रवि कुमार गुप्ता ने सुरक्षा का आश्वासन दिया, लेकिन वह पैदल ही अपनी मां के साथ डरी- सहमी अपने गांव निकल पड़ी। थानाध्यक्ष ने बताया कि पीडि़ता सुरक्षा के लिए आई थी। उसे पूरी सुरक्षा दी जाएगी। बताया गया कि थाने से निकलते वक्त वह असुरक्षित महसूस कर रही थी, लेकिन पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में उसे गांव तक छोडऩे की जहमत नहीं उठाई।

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