मुजफ्फरपुर में राजस्व की चोरी करने वाले हजारों वाहन सड़कों पर बिना रोक-टोक चल रहे

टैक्स बकायेदारों में सबसे अधिक बस व ट्रक बताए गए हैं। जिले में 2000 से अधिक वाहनों पर करोड़ों का बकाया। ऐसे वाहन मालिकों को किसी का डर नहीं है। टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है। कई पर नीलामवाद की कार्रवाई की गई है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 02:27 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 02:27 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में राजस्व की चोरी करने वाले हजारों वाहन सड़कों पर बिना रोक-टोक चल रहे
टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिकों के लिए सर्वक्षमा योजना शुरू की गई थी।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। टैक्स जमा नहीं कर राजस्व की चोरी करने वाले हजारों वाहन सड़कों पर बिना रोक-टोक चल रहे हैं। ऐसे वाहन मालिकों को किसी का डर नहीं है। इनमें अधिकतर प्रशासनिक व राजनीतिक रसूख वाले हैं। इससे चोरी और सीनाजोरी वाली कहावत चरित्रार्थ हो रही है। जिले में ऐसे वाहन मालिकों की संख्या करीब 2000 बताई गई है। इन पर परिवहन विभाग का करीब दो करोड़ बकाया है। अधिकतर कॉमर्शियल वाहन हैं। हालांकि परिवहन विभाग ने सैकड़ों पर नीलामवाद की कार्रवाई की है। वाद दायर होने के बाद भी कई वाहन मालिक टैक्स जमा करने के प्रति गंभीर नहीं हैं। इसमें ऐसे वाहन मालिक भी हैं जिन पर लाखों का बकाया है। टैक्स बकायेदारों में सबसे अधिक बस व ट्रक बताए गए हैं। 

जिले में 2000 से अधिक वाहनों पर करोड़ों का बकाया

जिले में करीब दो हजार वाहन मालिक टैक्स डिफाल्टर की सूची में हैं। सूत्रों के मुताबिक इन वाहनों पर परिवहन विभाग का करीब दो करोड़ रुपये टैक्स बकाया है। बकायेदारों में दोपहिया, चार पहिया सभी तरह के वाहन मालिक हैं। परिवहन विभाग द्वारा करीब एक हजार पर नीलामवाद की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।

क्षमा योजना से विभाग को हुआ लाभ, वाहन मालिकों को राहत

टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिकों के लिए सर्वक्षमा योजना शुरू की गई थी। इससे टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिकों को जहां राहत मिली वहीं विभाग को भी राजस्व की प्राप्ति हुई। इस योजना के तहत लगने वाले अर्थदंड में काफी रियायत दी गई। परमिट फेल होने के बाद प्रतिदिन लगने वाले अर्थदंड को भी कम किया गया। सरकार की इस पहल से जिले में हजारों वाहन मालिकों को राहत मिली। क्षमा योजना शुरू होने से पहले जिले में 52 हजार 918 टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिक थे। इन पर करीब 83 करोड़ 91 लाख से अधिक का बकाया था। राहत मिलने पर हजारों वाहन मालिकों ने टैक्स जमा कर राहत की सांस ली। मगर, कई अभी टैक्स देने से बच रहे हैं।

डीटीओ रजनीश लाल ने कहा कि टैक्स डिफाल्टर वाहन मालिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है। कई पर नीलामवाद की कार्रवाई की गई है। कई को टैक्स जमा करने की अंतिम सूचना दी गई है। 

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